यूपी डेस्क/ प्रधानमंत्री पीएम नरेंद्र मोदी के प्रयास से इंडिया-यूएस संबंधों के नए युग की शुरुआत हुई है। वह चाहते हैं कि यूपी तेजी से आर्थिक विकास के रास्ते पर आगे बढ़े। इंडिया-यूएस संबंधों को और मजबूत करने में प्रदेश की सुदृढ़ अर्थव्यवस्था रीढ़ का काम करेगी। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अपने कार्यालय में यूएस-इंडिया स्टेटजिक पार्टनरशिप फोरम के प्रतिनिधियों से मुलाकात के दौरान कहीं। वहीं बोइंग इंडिया के प्रेजीडेंट प्रत्यूष कुमार के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के आर्थिक विकास के लिए उठाए गए कदमों की प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री ने कहा, उनकी सरकार राज्य में निवेश फ्रेंडली माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। निवेशकों को बिजली आपूर्ति, बेहतर रोड कनेक्टिविटी जैसी सभी जरूरी बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ सुदृढ़ कानून-व्यवस्था का वातावरण भी उपलब्ध कराया जाएगा। वहीं प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा, फार्मास्युटिकल, जल संचयन, स्वच्छता, ग्राम्य विकास, अपशिष्ट प्रबंधन, कृषि, दुग्ध विकास, पशुधन विकास, स्मार्ट सिटी, शिक्षा, महिला सशक्तीकरण, कौशल विकास, सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी, यातायात, नवीकरणीय ऊर्जा, खाद्य प्रसंस्करण व अन्य कई क्षेत्रो में निवेश करने में रुचि दिखाते हुए प्रदेश सरकार से सहयोग किए जाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी की जनसंख्या 22 करोड़ है, जो इस प्रदेश को देश का सबसे बड़ा बाजार बनाती है। यहां ऊर्जा, बुनियादी ढांचे का विकास, स्मार्ट सिटी का विकास, इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी, नवीकरणीय ऊर्जा आदि क्षेत्रों में वृहद अवसर मौजूद हैं। यूएस की कंपनियों द्वारा प्रदेश में निवेश किए जाने से औद्योगिक विकास को गति मिलेगी और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। इसमें राज्य सरकार की नई उद्योग नीति अत्यंत उपयोगी साबित होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर इस वर्ष के अंत तक और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर अगले वर्ष मार्च-अप्रैल तक कार्य शुरू हो जाएगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लखनऊ से गाजीपुर तक जाएगा। साथ ही, वाराणसी, अयोध्या एवं गोरखपुर को जोड़ेगा। इसी प्रकार बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे आगरा, झांसी, चित्रकूट होते हुए बुंदेलखंड तक जाएगा। दोनों ही एक्सप्रेस-वे के साथ औद्योगिक गलियारा भी बनाया जाएगा। वहीं, जल्द ही तीन शहरों में मेट्रो रेल का काम शुरू हो जाएगा। राज्य सरकार पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के अन्य सस्ते व अच्छे विकल्प पर विचार के साथ ही रीजनल एयर कनेक्टिविटी पर भी तेजी से कार्य कर रही है।