लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने पर्यावरण अनुकूल कृषि आधारित स्थाई आर्थिक विकास को लेकर कदम बढ़ा दिए हैं। राज्य जैव ऊर्जा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को दिशानिर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि जैव ऊर्जा उत्पादन इकाईयों को स्थापित करने की दिशा में काम होना चाहिए क्योंकि इससे पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने गुरुवार देर रात जैव ऊर्जा उद्यम प्रोत्साहन कार्यक्रम के अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद यह बातें कही। बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि जैव ऊर्जा उद्यम को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी रणनीति अपनाई जाए। यह रणनीति ‘वैल्यू चेन मैकेनिज्म’ के तहत उद्यमिता मोड पर आधरित हो। जैव ऊर्जा परियोजनाओं, बायोडीजल, बायो एथेनॉल, बायोगैस, बायो सी.एन.जी. आदि के संबंध में निजी क्षेत्र की सहभागिता की संभावनाओं को तलाशा जाए।
योगी ने औषधीय एवं पौधों की खेती को बढ़ावा देने के निर्देश देते हुए कहा कि कम उपजाऊ भूमि, मार्जिनल भूमिधारक किसानों और ग्रामीणों की आय वृद्घि के स्थाई अवसर सृजित किए जाए। उन्होंने कहा कि बायोएथेनॉल एवं बायोडीजल उत्पादन कार्यक्रमों को भी बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने जैव ऊर्जा आधारित पर्यावरण के अनुकूल आर्थिक विकास पर जोर देते हुए कहा कि जैव ऊर्जा उद्यमों की समयबद्घ स्थापना से ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त होगी। योगी ने कहा कि जैव ऊर्जा उद्यमों के लिए आवश्यक कच्चे माल के लिए ‘फार्मर क्लस्टर्स’ बनाए जाने पर और नगरों में उत्पादित हो रहे कचरे के सुनियोजित उपयोग पर विचार किया जाए।