यूपी डेस्क/ यूपी एटीएस की टीम ने इंटरनेशनल कॉल करने वाले 6 आरोपियों को कुशीनगर जिले से गिरफ्तार किया है। उनके पास से 7 लैपटॉप, मोबाईल फोन, बिल बुक व अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं। आरोपियों को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। यह रैकेट बहुत दिनों से इंटरनेट कॉल को वाइस कॉल में बदलने वाला कॉलिंग कार्ड बेचने का धंधा कर रहा था। एटीएस को पिछले साल से ही इनकी तलाश थी. एटीएस के आईजी असीम अरूण ने बताया कि पिछले साल इंटरनेट गेटवे को बाईपास करके और राष्ट्रीय सुरक्षा को धता बताते हुए कार्य करने वाले 27 लोगों को गिरफ्तार किया गया था और उनके पास से 16 सिम बॉक्स और 50 हजार सिम बरामद किए गए थे।
लेकिन उस समय यह पता नहीं चल पाया था कि सिम बॉक्स में कॉल ट्रैफिक कहां से आ रहा था और आम लोग नेट कॉलिंग कार्ड कहां से ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुशीनगर पुलिस और टर्म सेल (टेलीकॉम इन्फोर्समेंट रिसोर्स एंड मॉनिटरिंग सेल) की मदद लेकर एटीएस की टीम ने इस रैकेट का भंडाफोड किया है। इस रैकेट में राम प्रताप सिंह, विजय शर्मा, राम सिंगार सिंह, संतोष सिंह, हरिकेश बहादुर सिंह और बृजेश पटेल शामिल हैं। आईजी ने बताया कि इस रैकेट के सदस्यओं के पास 19 गेटवे आईपी हैं और इसके जरिए ही कॉलिंग को बेचकर ये लोग ग्राहक भी बना रहे थे। रैकेट में शामिल लोग अब तक 6 हजार से अधिक उपभोक्ता भी बना चुके हैं।
इसके अलावा रैकेट के सदस्य सिम बॉक्स पर जाने वाली कॉल को नियंत्रित करने का भी काम करते थे। उन्होंने बताया कि इस धंधे के से इन लोगों ने दो साल में करीब 33 लाख रुपये कमाए हैं। आरोपी राम प्रताप ने बताया कि इस धंधे के लिए ‘वीओएस-3000’ नाम की तकनीक की जानकारी उसने किसी बाहरी व्यक्ति से सीखा था। इस तकनीक का मुख्य काम वीओआईपी कॉल को पीएसटीएन पर डायवर्ट करने का है।