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वैश्य समाज अधिकारों के लिए भरेगा हुंकार : सुधीर हलवासिया

वैश्य समाज अधिकारों के लिए भरेगा हुंकार : सुधीर हलवासिया

17 दिसम्बर रविवार को 50000 वैश्य चारवाग रेलवे स्टेडियम में करेंगे जमावड़ा |

TIL Desk Lucknow/ अब वैश्य समाज मीन रहने वाला नहीं, अपने अधिकारों के लिए सड़क पर उतरने के लिए तैयार है। देश की आर्थिक संरचना की रीढ़, धर्म, संस्कृति, साहित्य और समाज के सजग प्रहरि के रूप में काम करने वाला हमारा समाज राजनैतिक पिछड़ेपन का दो दशकों से शिकार है। वश्य समाज के सभी उपवर्गो को एकत्रित करके हम अपने राजनैतिक अधिकारों के लिए ‘वैश्य संकल्प रैली’ आगामी रविवार 17 दिसम्बर को चारबाग रेलवे स्टेडियम में करने जा रहे हैं। यह बातें हलवासिया कोर्ट स्थित अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन के प्रदेश कार्यालय में पत्रकार वार्ता के दौरान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुधीर हलवासिया ने कही।

साथ ही साथ उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने कानून व्यवस्था सुदृढ़ की है, जिसका लाभ वैश्य व्यापारी समाज को मिल रहा है लेकिन राजनीति व सरकार में वैश्य समाज को उचित प्रतिनिधित्व जो मिलना चाहिए वह नहीं मिल रहा है। सुधीर हलवासिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हम 54 उपवर्गों में विद्यमान हैं जिनमें हमारे दर्जनों उपवर्ग पिछड़े वर्ग की श्रेणी में भी शामिल है पर हमारा हक हिरसा हड़पने की साजिश के तहत हमें तोड़-मरोडकर प्रस्तुत किया जाता है। अब ऐसे षड्यंत्रों के खिलाफ वैश्य समाज अपनी पैनी निगाहें रखेगा जिसकी शुरूआत वैश्य संकल्प रेली के माध्यम से जिले 2 सदेश भेज कर की जायेगी। उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ की आबादी में हमारा हिस्सा 25 फीसदी का है, लेकिन कोई भी राजनैतिक दल वैश्य समाज को उसकी आवादी के आधार पर हिस्सेदारी नहीं दे रहा है, जिसे हम अब बर्दाश्त करने वाले नहीं हैं। हमारे अधिकारों का हनन और उस पर अतिकमण अब नहीं चलेगा। समृद्ध भारत अभियान वैश्य समाज का एक संकल्प रहा है जिसकर हमने वखूवी अपना दायित्व निर्वाहित किया है। लेकिन जवतक वैश्य समाज के हितों के लिए नीतियाँ नहीं बनायी जाती हैं, तब तक हमारा संघर्ष
अब सड़क से लेकर सदन तक जारी रहेगा।

प्रदेश महामंत्री शैलेन्द्र अग्रहरि ने कहा कि वैश्य समाज ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रवादी नीतियों और विकास की परिकल्पना को साकार करने के लिए हमेशा से काम किया है। वैश्य समाज से हुए तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों की स्मृति में न कोई योजना न स्मारक और न ही ऐतिहासिक स्थलों का नामकरण किया जा रहा है। डा० काशी प्रसाद जायसवाल जैसे साहित्यकार जिन्होंने देश- दुनिया में मुद्रा साहित्य, भारतीय प्राचीन इतिहास पर अपने शोधो का लोहा मनवाया है लेकिन वैश्य समाज का होने के कारण जगह-2 उनकी अनदेखी की गयी है। इस तरह के तमाम षणयंत्र आखिर वैश्य समाज के साथ क्यों रचे जातें हैं? महाराजा अग्रसेन की जयन्ती पर पूर्व घोषित सरकारी अवकाश भी खत्म कर दिया जाता है, कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान दंगे का शिकार हुए मृतक चंदन गुप्ता के लिए घोषित किये गये तमाम सरकारी वायदे पूरे नहीं किये गये।

अमेठी में भुर्जी वैश्य उपवर्ग के निर्धन परिवार के युवा को केवल लोटा छूने की वजह से सामाजिक असपृश्यता के तहत बांस की फरहटी से पीट-पीटकर मार दिया जाता है आवाज उठाने वाला कोई सामने नहीं आता है फिर अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन का एक प्रतिनिधि मण्डल जब वहां पहुंचता है तो प्रशासन हरकत में आती है। जवकि हम थोक के भाव में सरकार को वोट कर रहे हैं, हमारे समर्थन से जगह-2 सरकारें बन रही है। फिर भी उत्तर प्रदेश के 18 मण्डलों में हमें राजनैतिक प्रतिनिधत्व नहीं मिल रहा है जिसके लिए अब वेश्य समाज संकल्पित हो सामने आने को तैयार है।

प्रदेश महामंत्री राम किशोर गुप्ता ने कहा कि हम देश के सबसे घने घनत्व वाले कर दाता है हमारी बिना वेतन के की जा रही टैक्स कलेक्शन की सेवा से आज सरकार का खजाना भर रहा है। वैश्य समाज के लोग जहां भी सरकारों में है वह अपना बेहतर दायित्व निभा रहे है हम सहज, सरल और सर्व उपलब्ध जन प्रतिनिधि के रूप में लोगों के सामने हैं। बिहार में हुई जातिगत जनगणना ने लोगों की आंखे खोल दी हैं। अगर देश भर में इस तरह का अभियान हो जाये तो जातियों की संख्या सामने आ जायेगी देश आज विकास कर रहा है इस विकास में हमारा संगठन सरकार के साथ खड़ा है लेकिन हमारे हक और अधिकारों की अवहेलना नहीं होनी चाहिए। इस दौरान राष्ट्रीय संगठन रीता मित्तल, प्रदेश मीडिया प्रभारी रीतिका जायसवाल, पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री नानकदीन भुजी, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य जी.डी. गुप्ता, महानगर अध्यक्ष दीपू जायसवाल, पवन गुप्ता, गिरीश केसरवानी आदि उपस्थित रहे।

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