भोपाल डेस्क/ सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाई गई अग्निपथ योजना को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का कथित तौर पर अग्निवीर को भाजपा कार्यालयों की सुरक्षा के लिए तैनाती में प्राथमिकता दिए जाने वाले बयान से सियासी हलचल मच गई। कांग्रेस ने हमला ने जब हमला बोला, तब विजयवर्गीय की सफाई भी आ गई।
मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने विजयवर्गीय के वायरल हो रहे एक बयान का वीडियो साझा करते हुए हमला किया। इस वीडियो में कथित तौर पर विजयवर्गीय कह रहे हैं, सेना की ट्रेनिंग में पहला है डिसिप्लिन और दूसरा आज्ञा का पालन करना, जब वह ट्रेनिंग लेगा और चार साल की सेवा करने के बाद निकलेगा, तब अगर मुझे बीजेपी के ऑफिस में सिक्योरिटी रखना हो तो अग्निवीर को प्राथमिकता देंगे। ..उम्र सीमा साढ़े 17 साल से 23 साल तक की है, यदि वह 21 साल में भी भर्ती होता है, चार साल काम करता है तो 25 साल का रहेगा। उस समय उसको साढ़े 11 लाख रुपये हाथ में मिलेंगे और अग्निवीर का तमगा छाती पर लगाकर घूमेगा।
विजयवर्गीय के इस बयान पर मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने कहा, विजयवर्गीय और उनकी पार्टी देश के युवाओं को भाजपा दफ्तर में चौकीदार बनाना चाहते हैं, यह न केवल देश के युवाओं, बल्कि भारतीय सेना के पराक्रम का घोर अपमान है और उनके जख्मों पर नमक छिड़कने का एक बेहूदा प्रयास व बेशर्मी की पराकाष्ठा भी है। मिश्रा ने कहा, विजयवर्गीय के इस बयान को गैर जिम्मेदाराना ठहराना और समझना भी एक भूल होगी, सच्चाई तो यह है कि संघ की विचारधारा ही इस बात की पक्षधर है कि युवाओं को शिक्षा और नौकरियों से वंचित रखा जाए, ताकि वे आरएसएस की शाखाओं में शामिल होकर संघ के घृणित एजेंडे को पूरा कर सकें।
बयान पर कांग्रेस के हमलों के बाद विजयवर्गीय ने ट्वीट कर कहा, अग्निपथ योजना से निकले अग्निवीर निश्चित तौर पर प्रशिक्षित एवं कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्ध होंगे, सेना में सेवाकाल पूर्ण करने के बाद वे जिस भी क्षेत्र में जाएंगे, वहां उनकी उत्कृष्टता का उपयोग होगा। मेरा आशय स्पष्ट रूप से यही था। उन्होंने आगे कहा, टूलकिट से जुड़े लोग मेरे बयान को तोड़ मरोड़कर प्रस्तुत करके कर्मवीरों का अपमान करने की कोशिश कर रहे हैं। यह देश के कर्मवीरों का अपमान होगा। राष्ट्रवीरो-धर्मवीरों के खिलाफ इस टूलकिट गैंग के षड्यंत्रों को देश भलीभांति जानता है।