लखनऊ डेस्क/ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जाति, धर्म व मजहब को ध्यान में रखकर शुरू की गई योजनाएं कभी सफल नहीं होती हैं। अगर धर्मनिरपेक्षता को ध्यान में रखकर योजनाएं शुरू की जाती हैं तो समाज भी मजबूत होता है। पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा 1 मई 2016 को बलिया से शुरू की गई प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना इसका सबसे अच्छा उदाहरण है। जातीय भेदभाव के बिना गरीब परिवार की महिलाओं के लिए शुरू की गई इस योजना ने जनता के अच्छे दिन आने के सपने को साकार किया है। इससे समाज के हर वर्ग की गरीब महिलाओं के जीवन में व्यापक बदलाव आया है।
मुख्यमंत्री केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की ओर से रविवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने यूपी के लिए नवनियुक्त 300 में से 10 एलपीजी वितरकों को आशय प्रमाण पत्र (एजेंसी आवंटन) प्रदान किया। उज्ज्वला योजना में बेहतर काम करने वाले पेट्रोलियम कंपनियों के अधिकारियों को भी सम्मानित किया गया।
योगी ने कहा कि उज्ज्वला योजना के तहत देश भर में करीब 3 करोड़ गरीब महिलाओं को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराया गया है। यूपी में 62 लाख गरीब महिलाओं को कनेक्शन दिया जा चुका है। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने भी गरीबों को मुफ्त गैस कनेक्शन देने की योजना शुरू की थी, लेकिन बाद की सरकारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। योगी बोले, 2004 से गैस कनेक्शन देने पर अप्रत्यक्ष तौर पर प्रतिबंध लगा दिया। गैस कनेक्शन के लिए 15 से 30 हजार रुपये तक अवैध वसूली की जाती थी। 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनी तो गैस कनेक्शन लेने की फीस 3200 से घटाकर 1600 रुपये की गई। कैंप लगाकर एक दिन में 25-25 हजार लोगों को कनेक्शन दिए गए।