यूपी डेस्क/ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई यूपी कैबिनेट की बैठक में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी-2017) को मंजूरी दे दी गई| इसमें आम लोगों की रोजमर्रा की जरूरत वाली वस्तुओं को कर मुक्त रखने समेत कई प्रावधान शामिल किए गए हैं| सरकार के प्रवक्ता श्रीकान्त शर्मा ने बताया कि जीएसटी अधिनियम 2017 में 20 लाख रुपए सालाना से कम के टर्नओवर पर पंजीकरण अनिवार्य नहीं होगा| 75 लाख से ज्यादा टर्नओवर वाले कारोबारियों को कंपाउंडिंग की सुविधा दी जाएगी| इसके अलावा व्यापारी एक प्रतिशत की दर से कंपाउंडिंग भी करा सकेंगे| हालांकि यह दर व्यापारियों के लिए दो प्रतिशत और रेस्टोरेंट के लिए पांच प्रतिशत रखी गई है|
शर्मा ने बताया कि कारोबारियों को तीन महीने में एक बार रिटर्न दाखिल करना होगा| इसके अलावा एक वार्षिक रिटर्न भी जमा करना होगा| शर्मा ने बताया की जीएसटी के पंजीकरण के लिए अब ऑनलाइन ही आवेदन करना होगा| आवेदन पूर्ण होने पर तीन दिन के भीतर संबंधित अधिकारीयों को निर्णय करना होगा| अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो आवेदन स्वत: स्वीकृत मां लिया जाएगा| उसे कंप्यूटर से जनरेट की गई पंजीकरण संख्या और अनुमोदन का प्रमाणपत्र भी जारी कर दिया जाएगा|
जीएसटी में आमजन की रोजमर्रा की वस्तुओं को कर से मुक्त रखा गया है| इनमें खुला खाद्द्य अनाज, ताज़ी सब्जियां, आटा, बेसन, गुड़, पूजा सामग्री, प्रसाद, नमक, काजल, खजूर, झाडू और शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाएं शामिल हैं| वहीं चीनी, चायपत्ती, स्किम्ड मिल्क, पैक्ड पनीर, ड्राई फ्रूट्स, पीडीएस केरोसिन, घरेलू एलपीजी, 500 रुपए तक के जूते, एक हजार रुपए तक के रेडीमेड गारमेंट्स और अगरबत्ती आदि पर 5 फ़ीसदी कर लगेगा | अधिनियम के प्रावधान के मुताबिक 30 जून तक बचे स्टॉक पर नियमानुसार चुकाए गए टैक्स को जीएसटी में एडजस्ट किया जाएगा |