लखनऊ डेस्क/ किसानों से कम दाम पर गन्ना खरीदकर चीनी मिलों को बेचने वाले माफियाओं पर योगी सरकार NSA (रासुका) के तहत कार्रवाई करेगी। इन माफियाओं को तीन महीने के लिए जेल भेज दिया जाएगा। जिलों के सभी गन्ना अधिकारियों को उन माफियाओं की पहचान का निर्देश दिया गया है। ये आदेश प्रमुख सचिव (गन्ना एवं चीनी आयुक्त) संजय आर. भूसरेड्डी ने दिया है।
कुछ चीनी मिलों के बारे में किसानों के बजाए गन्ना माफियाओं से अवैध तौर पर गन्ना खरीदने की शिकायत मिल रही थी। शिकायतों में बताया गया था- गन्ना माफिया औने-पौने दामों में किसानों से गन्ना खरीद लेते हैं। इसी गन्ने को बाद में इलाके की मिलों को बेच दिया जाता है। अवैध गन्ने की इस खरीद-फरोख्त में गन्ना माफिया के साथ-साथ इलाके के चीनी मिल भी शामिल है। प्रमुख सचिव (गन्ना एवं चीनी आयुक्त) संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि इससे सरकार की छवि खराब होने के साथ ही किसानों को भी नुकसान होता है। इसलिए कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
अवैध गन्ना खरीद को पूरी तरह से रोकने के लिए जिला गन्ना अधिकारी माफियाओं की सूची तैयार करेंगे। इसके साथ ही इन अफसरों को गन्ना इलाकों में रेगुलर दौरा करने का आदेश जारी किया गया है। इसके साथ ही गन्ना माफियाओं की तरफ से संचालित अवैध कांटे की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराने के लिए कहा गया है। उसके बाद उनकी पहचान कर गन्ना माफियाओं के खिलाफ रासुका लगाई जाए।
इससे पहले 7 नवंबर को होने वाली योगी कैबिनेट में गन्ने का समर्थन मूल्य 10 रुपए बढ़ाया गया था। इसमें अगैती प्रजाति का मूल्य 315 से बढ़ाकर 325, सामान्य प्रजाति 305 से 315 और निम्न प्रजाति का 300 से बढ़ाकर 310 रुपए कर दिया।
NSA ( रासुका), इसे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तौर पर जाना जाता है। NSA ( रासुका) के तहत संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में लिया जाता है। अधिकतम 12 महीने तक संदिग्ध को जेल में रखा जा सकता है। एनएसए उन लोगों पर लगाई जाती है, जो प्रशासन की नजर में संदिग्ध हों। डीएम और एसपी NSA लगाने की संस्तुति करते हैं।