नई दिल्ली डेस्क/ विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक और उनके एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) की माली तौर पर कमर तोड़ने की कवायद के तहत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बैंकों से कहा कि वे नाइक और आतंकवाद निरोधक कानून के तहत प्रतिबंधित आईआरएफ के बैंक खातों से होने वाली सभी लेन-देन पर तत्काल रोक लगाएं | आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जिन बैंकों में नाइक और आईआरएफ के खाते हैं, उन्हें कहा गया है कि वे अगले आदेश तक दोनों के खातों से होने वाले लेन-देन पर तत्काल रोक लगाएं |
एनआईए ने गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) की विभिन्न धाराओं के अलावा आईपीसी की धारा 153-ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और सद्भाव बनाए रखने के खिलाफ हरकतें करना) के तहत नाइक, आईआरएफ और संस्था के अज्ञात पदाधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया था. इसके बाद तीन दिनों में 20 ठिकानों पर छापे मारे गए, जिसमें नाइक और आईआरएफ से जुड़ी वित्तीय गतिविधियों और उनके बैंक खातों के ब्योरे जब्त किए गए |
सूत्रों ने कहा कि नाइक और आईआरएफ के बैंक खातों को ब्लॉक करने का कदम एनआईए के इस दावे के बाद उठाया गया कि उसने कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं, जिससे पता चलता है कि आतंकवादी संगठन आईएसआईएस में कथित तौर पर भर्ती हुए अबु अनस ने अक्तूबर 2015 में आईआरएफ से छात्रवृति के तौर पर 80,000 रुपये प्राप्त किए थे |