लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और नोएडा के बाद वाराणसी और कानपुर में भी कमिश्नरेट सिस्टम लागू करने को मंजूरी मिल गई है। गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिली। यूपी के बड़े शहरों में अपराध और अपराधियों पर अधिक नियंत्रण करने के लिए इस सिस्टम का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पश्चिम बंगाल के चुनावी दौरे से लौट कर शाम को प्रदेश कैबिनेट की बैठक की। मुख्यमंत्री के सरकारी आवास 5, कालिदास मार्ग पर आयोजित इस बैठक में फैसला लिया गया। नोएडा और लखनऊ में पुलिस कमिश्नरेट की तरह ही अब कानपुर और वाराणसी में कमिश्नरेट प्रणाली लागू होगी।
पूर्व डीजीपी और भाजपा के राज्यसभा सांसद ब्रजलाल ने दो शहरों में कमिश्नरेट सिस्टम के लिए मुख्यमंत्री को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट किया है, “कानपुर और वाराणसी में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने के लिए मुख्यमंत्री योगी जी को बहुत-बहुत साधुवाद। लखनऊ और नोयड़ा के बाद दोनो बड़े शहरों में इस प्रणाली को लागू होने के बाद पुलिस अधिकारियों को इसे सफल बनाने में जी- जान से जुट जाना चाहिए।”
ज्ञात हो कि नोएडा और लखनऊ में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू हुए एक साल पूरे हो गए हैं। बताया जाता है कि कमिश्नरेट के परिणाम सकारात्मक रहे हैं। पुलिस को अधिकार मिले तो कानून-व्यवस्था बेहतर हुई। अपराधियों पर नकेल कसने में आसानी हुई और महिला अपराध में भी कमी आई। दोनों शहरों में बीते कई वर्षो की अपेक्षा 2020 में हर तरह के अपराध में कमी दर्ज की गई। इसके बाद कानपुर और वाराणसी में कमिश्नरेट लागू करने का खाका शासन तैयार कर लिया गया था।
अपराध नियंत्रण, कानून व्यवस्था, अनुशासन और ट्रैफिक सुधार की वजह से पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम को कामयाब बताया जा रहा है। इसे देखते हुए अब कुछ और शहरों में यह सिस्टम लागू करने पर भी विचार चल रहा है। लखनऊ और नोएडा (गौतमबुद्घनगर) में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम 15 जनवरी 2020 को लागू किया गया था। इसके बाद से अपराध की घटनाओं में काफी कमी आई है।