नई दिल्ली डेस्क/ भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि एसबीआई को सरकार से किसी प्रकार की पूंजी की दरकार नहीं है।
बजट से पहले वित्तमंत्री के साथ बैंकरों की बैठक के बाद कुमार ने कहा, “एसबीआई को सरकार से किसी प्रकार की पूंजी की जरूरत नहीं है।” बैठक में सार्वनिक क्षेत्र (पीएसयू) के बैंकों में पूंजी डालने पर विचार-विमर्श किया गया।
एसबीआई ने इसी साल मार्च में अपने अतिरक्ति टियर-1 पूंजी अनुपात को बढ़ाने के लिए बांड में 1,251 करोड़ रुपये की रकम जुटाई थी, जबकि बैंक के बोर्ड ने 20,000 करोड़ रुपये जुटाने की समय सीमा बढ़ाकर अगले साल मार्च तक कर दिया है।
अतिरिक्त सीईटी-1 की आवश्यकता से सुरक्षित पूंजी बफर में वृद्धि होगी। टियर-1 पूंजी की गणना कॉमन इक्विटी टियर-1 (सीईटी-1) पूंजी और एडिशनल टियर-1 (एटी-1) पूंजी के योग के रूप में की जाती है।
सरकार ने 2018-19 में अब तक की सबसे अधिक रकम 1.6 लाख करोड़ रुपये पीएसयू बैंकों में डाली थी जिससे पांच बैंकों को पीसीए फ्रेमवर्क से बाहर निकलने में मदद मिली। इस साल फरवरी में पेश अंतरिम बजट में बैंकों के पुनर्पूजीकरण के लिए कोई आवंटन नहीं किया गया।
देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने पिछले वित्तवर्ष की चौथी तिमाही में निवल 838 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में बैंक को 7,718 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।