चेन्नई डेस्क/ कर्नाटक में तमिलों पर बढ़ रहे हमलों के विरोध में तमिलनाडु में व्यापारिक संगठनों और किसानों के बंद का आशिंक असर दिखाई दिया इस बंद को डीएमके, एमडीएमके, सीपीआई, सीपीएम और अन्य राजनीतिक पार्टियों का समर्थन मिला और कई इलाकों में नेताओं ने गिरफ्तारियां भी दी | हालांकि राज्य में सत्तारुढ़ एआईएडीएमके पार्टी ने खुद को इस बंद से दूर रखा |
चेन्नई में डीएमके पार्टी के नेता एम के स्टालिन के नेतृत्व में राजारथीनम स्टेडियम से एग्मोर रेलवे स्टेशन तक रैली निकाली गई | उन्होंने सैकड़ों की संख्या में जमा हुए पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ रेल रोकने की कोशिश भी की लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया | पुलिस ने प्रदर्शनकारियों समेत स्टालिन को हिरासत में ले लिया राज्यसभा में डीएमके सांसद कनिमोड़ी ने भी प्रदर्शनकारियों के साथ सड़क रोको अभियान की कमान संभाली, उन्हें भी बाद में हिरासत में ले लिया गया |
कनिमोड़ी की मांग है कि कावेरी मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए कनिमोड़ी ने कहा, ”राष्ट्रीय सरकार नदियों के पानी का राष्ट्रीयकरण क्यों नहीं करती हैं | हर बार इसका असर किसानों पर पड़ता है और हमें सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ता है र्और कर्नाटक में तमिलों पर हमला होता है |” उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और कर्नाटक में तमिलों की रक्षा करनी चाहिए | हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक को आदेश दिया था कि वो तमिलनाडु को 20 सिंतबर तक रो़ज़ 12000 क्यूसेक पानी छोड़े सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कर्नाटक में प्रदर्शन और हिंसा हुई थी |