गोरखपुर डेस्क/ गोरखपुर के बेलघाट इलाके में मौजूद एक आम के बगीचे में मंगलवार को चारों ओर कई सारे चमगादड़ों को मृत पाया गया, जिसके बाद बाग के मालिक पंकज शाही ने इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी। वन विभाग के कर्मी जिस समय तक वहां पहुंचे, तब तक और भी अधिक चमगादड़ों की पेड़ से गिरकर मौत हो चुकी थी, जिसके चलते यह आंकड़ा 52 तक पहुंच गया।
प्रभागीय वनाधिकारी अवनीश कुमार ने कहा, “मौत के सही कारणों का पता लगाने के लिए तीन चमगादड़ों के शवों को बरेली में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में भेजा गया है।” उन्होंने आगे कहा, “मौत होने की वजह गर्म हवाओं की लपटें या कीटनाशक हो सकती है। इस वक्त इसे कोरोना से जोड़कर देखा जाना उचित नहीं।”
हालांकि इस घटना के महज कुछ ही समय के अंदर गोरखपुर और इसके आसपास के इलाकों में मौजूद लोगों में डर पैदा हो गया। लोगों के आतंकित होने की अपनी वजहें हैं – कुछ तार्किक, कुछ अतार्किक। एक वरिष्ठ नागरिक अशोक वर्मा ने कहा, “गर्म हवाओं का अनुभव हमने पहले भी किया है, लेकिन इससे पहले इतने बड़े पैमाने पर मौतें पहले कभी नहीं हुई है। इसके अलावा चमगादड़ों के लिए पानी कौन रखता है? दाल में कुछ काला तो है, लेकिन अधिकारी इसे छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे कैसे महज एक ही घंटे के भीतर 52 चमगादड़ इस तरह से अचानक मर सकते हैं?”
सहजनवा के निवासी विशेष कुमार सिंह ने बताया कि यह हादसा कोरोना महामारी से जुड़ा हुआ है। उन्होंने जोर देकर कहा, “मैंने टीवी पर देखा है कि कोरोनावायरस के लिए चमगादड़ जिम्मेदार हैं। अधिकारियों को इसे गंभीर रूप से लेना चाहिए और इसी के अनुरूप आगे की कार्रवाई करनी चाहिए। हम सभी चिंतित हैं क्योंकि इससे पहले ऐसा कुछ पहले कभी नहीं हुआ।”