नई दिल्ली डेस्क/ वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के आदेश के बाद दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी के वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए डीजल जनरेटर सेट का इस्तेमाल करने वाले करीब 40 मॉल को बंद करेगी।
सीएक्यूएम के एक अधिकारी ने कहा, “केवल बिजली के लिए डीजल जनरेटर सेट (डीजीएस) का उपयोग करने वाले मॉल बंद करेगी।” यह कदम तब आया जब सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को विभिन्न निकायों के प्रतिनिधित्व की जांच के बाद निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध और औद्योगिक गतिविधियों पर प्रतिबंध पर निर्णय लेने की अनुमति दी।
2015 के बाद से, सर्दियों की शुरूआत के साथ, दिल्ली की वायु गुणवत्ता बिगड़ने लगती है और ‘बहुत खराब’ और ‘खतरनाक’ श्रेणी में आ जाती है। शून्य से 50 के बीच एक्यूआई ‘अच्छा’, 51 से 100 ‘संतोषजनक’, 101 से 200 ‘मध्यम’, 201 से 300 ‘खराब’, 301 से 400 ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच को ‘गंभीर’ माना जाता है।
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) के अनुसार, वाहनों से होने वाले प्रदूषण में आधे से अधिक स्रोत शामिल हैं। इसके बाद घरेलू प्रदूषण 12.5 और 13.5 प्रतिशत के बीच है। प्रदूषण में उद्योग का योगदान 9.9-13.7 प्रतिशत, निर्माण 6.7-7.9 प्रतिशत, अपशिष्ट जलना 4.6-4.9 प्रतिशत और सड़क की धूल 3.6-4.1 प्रतिशत है।