नई दिल्ली डेस्क/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि कश्मीर घाटी में स्कूलों को जलाया जाना चिंता का विषय है, लेकिन हाल की बोर्ड परीक्षाओं में बड़ी संख्या में स्थानीय छात्रों का शामिल होना पढ़ाई के माध्यम से बेहतर भविष्य बनाने के प्रयास के उनके संकल्प को दर्शाता है।
बोर्ड परीक्षाओं में भाग लेने वाले 95 फीसदी से अधिक इन बच्चों के अभिभावकों, शिक्षकों और सरपंचों की सराहना करते हुए मोदी ने कहा कि घाटी के सरपंचों के साथ हाल ही में उनकी मुलाकात हुई जहां उन्होंने स्कूलों को जलाए जाने की घटनाओं के बारे में चर्चा की और सरपंचों ने वही चिंता जाहिर की जो चिंता दूसरे सभी भारतीयों की है।
मोदी ने ‘मन की बात’ में कहा, ‘‘मैंने उनसे अपने इलाकों में वापस जाने और छात्रों के भविष्य पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। आज, मैं यह बताकर खुश हूं कि वे मुझे दी गई जुबान पर कायम रहे हैं और इस बारे में लोगों के बीच जागरूकता पैदा की है।’’ हाल ही में बोर्ड की परीक्षाएं हुईं जिनमें 95 फीसदी से अधिक छात्र शामिल हुए।
उन्होंने कहा, ‘‘बोर्ड परीक्षाओं में इस तरह की विशाल भागीदारी इसका संकेत है कि जम्मू-कश्मीर के ये छात्र उज्ज्वल भविष्य पर ध्यान केंद्रित करने और विकास की राह पर आगे बढ़ने की ओर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’’ मोदी ने कहा कि घाटी के दूर-दराज के इलाकों के 40-50 सरपंचों ने उनसे मुलाकात की थी और घाटी के हालात, कानून-व्यवस्था और विकास सहित कई मुद्दों पर चर्चा की थी।
प्रधानमंत्री ने सेना और आईटीबीपी के जवानों के साथ दीवाली मनाने के अपने अनुभव को साझा किया और कहा कि इस बार देशभर से लोगों ने सीमा पर सेवा दे रहे सुरक्षाबलों को बधाई संदेश भेजा है। उन्होंने कहा, ‘‘जब पूरा देश सुरक्षाबलों के साथ खड़ा होता है तो 125 करोड़ गुना उनकी ताकत बढ़ जाती है।’’