शामली डेस्क/ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को शामली जिले के कैराना का दौरा किया और लोगों को आश्वासन दिया कि उनके शासन में, जिन्होंने 2016 में लोगों को पलायन करने के लिए मजबूर किया था, वे खुद राज्य से बाहर चले गए हैं। मुख्यमंत्री ने अपने दौरे के दौरान एक प्रोविन्शियल आर्म्ड कांस्टेबुलरी (पीएसी) बटालियन शिविर और अन्य परियोजनाओं की आधारशिला रखी।
उन्होंने उन लोगों के एक समूह से मुलाकात की, जो 2016 में कैराना छोड़ कर लौट आए थे। 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद शहर का यह उनका पहला दौरा था। उन्होंने कहा, “2014 और 2016 के बीच, कैराना में कई हिंदू परिवार दूसरे समुदाय से जबरन वसूली की धमकी के कारण पलायन कर गए थे। हालांकि, मेरे शासन में, जिन्होंने आपको कैराना छोड़ने के लिए मजबूर किया, वे अब जगह छोड़ चुके हैं क्योंकि वे जानते हैं कि उन्हें उनके कुकर्मों के लिए भुगतान करना होगा।”
कैराना से पलायन को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया था। 2017 के विधानसभा चुनाव में कैराना से हिंदू परिवारों का पलायन एक बड़ा मुद्दा था। अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इन परिवारों के साथ मुख्यमंत्री की बैठक राजनीतिक महत्व रखती है। योगी आदित्यनाथ ने केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को भी सूचीबद्ध किया जो गरीबों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई हैं।