लखनऊ डेस्क/ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष व वरिष्ठ शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक का मंगलवार देर रात निधन हो गया था। उनके अंतिम दर्शन के लिए बुधवार सुबह से ही लोगों का आना शुरू हो गया। लखनऊ के यूनिटी कॉलेज में नमाज-ए-जनाजा पढ़ा गया। जिसमें बड़ी संख्या में अलग-अलग धर्मों के लोग शामिल हुए। सादगी पसंद मौलाना की एक झलक पाने की बेकरारी उनके चाहने वालों में दिखाई पड़ी। नम आंखों और गम के माहौल में उन्हें अंतिम विदाई दी गयी।
कलेज में ही नमाज-ए-जनाजा के साथ दोपहर बाद उनका पार्थिव शरीर इमामबाड़ा में दफनाया गया। ईरान कल्चर हाउस के मौलाना महदी महदवीपुर ने नमाज-ए-जनाजा पढ़ाई और सभी धर्मों के धर्म गुरुओं ने हिस्सा लिया। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि सादगी पसंद शख्सियत हरदम सबके जेहन में रहेंगे। धर्म संप्रदाय से ऊपर उठकर इंसानियत का पाठ पढ़ाने वाले मौलाना ने समाज को जोड़ने का काम किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मौलाना कल्बे सादिक के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए शोकाकुल परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू मौलाना कल्बे सादिक की अंतिम यात्रा में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि, उन्हें समाज में भाईचारे की मजबूती पर बल देने वाले नेक और अजीम शख्सियत के रूप में याद किया जाएगा। उनके प्रियजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए बनाए गए नियम भी मौलाना के चाहने वालों के सामने धरे रहे गए। उनके अंतिम दर्शन के लिए सड़क के किनारे से लेकर इमामबाड़ा तक भारी भीड़ थी। कंधा देने वालों की लंबी कतार लगी रही।