पटना डेस्क/ बिहार के गोपालगंज जिले में गंडक नदी के तेज बहाव का दबाव एक महीने पूर्व बना रामजानकी पथ नहीं झेल सका और टूट गया, जिससे इस सड़क पर आवगमन बाधित हो गया।
बैकुंठपुर प्रखंड के खोम्हारीपुर में पुलिया के पास सड़क टूटने से उत्तर बिहार के कई जिलों का संपर्क टूट गया। बुधवार की सुबह से ही आवागमन ठप हो गया। सड़क टूटने के बाद विश्व का सबसे बड़े बुद्ध स्तूप केसरिया, सीवान, सारण, पश्चिम चंपारण तथा पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी का संपर्क टूट गया है, जबकि सारण तटबंध पर भी पानी का दबाव बढ़ गया है।
कहा जा रहा है कि तटबंध पर खतरा बढ़ा तो सारण जिले में बाढ़ का पानी पहुंच जाएगा। इस बीच, बुधवार की शाम अधिकारियों की एक टीम हालात का जायजा लेने घटनास्थल पर पहुंची। राज्य पुल निगम के टीम लीडर अभियंता अभय कुमार प्रभात की टीम पहुंचकर क्षति का आकलन किया और स्थानीय अधिकारियों को कई निर्देश दिए।
वशिष्ठा कंस्ट्रक्शन कंपनी के द्वारा पुल एवं 9़.1 किलोमीटर फैजुल्लाहपुर से चंपारण के लाला छापर के बीच संपर्क पथ का निर्माण जून में ही पूरा किया गया था। 16 जून को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका उद्घाटन किया था। एक माह में पुलिया के पास सड़क टूटने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है।
अधिकारियों ने बताया कि यह सड़क मुख्य रूप से पूर्वी चंपारण के केसरिया तथा बैकुंठपुर को जोड़ता है। पुल, पुलिया और संपर्क पथ के निर्माण में 263़ 48 करोड़ की राशि खर्च की गई थी। अधिकारियों ने दावा करते हुए कहा कि पानी का तेज बहाव कम होने के बाद चार से पांच दिन में सड़क को आवामगन के लायक बना दिया जाएगा।