लखनऊ डेस्क/ समाजवादी पार्टी के सांसद शैफुर-रहमान बर्क के बाद अब मशहूर शायर मुनव्वर राणा तालिबान के समर्थन में सामने आए हैं। राणा ने कहा कि उनका मानना है कि तालिबान ने अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर कुछ गलत नहीं किया है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, तालिबान ने वास्तव में अपने देश को आजाद कराया है।
68 वर्षीय कवि ने आगे कहा कि भारत के पास अफगानिस्तान में तालिबान से चिंता करने का कोई कारण नहीं है। उन्होंने कहा, तालिबान आतंकवादी नहीं हैं, उन्हें ‘आक्रामक’ कहा जा सकता है।
उन्होंने आगे कहा, अगर आप इतिहास पर नजर डालें तो अफगानों ने कभी भी भारत का कुछ भी बुरा नहीं किया है। भारत को तालिबान से डरना नहीं चाहिए। उस देश में बहुत कुछ नहीं हो रहा था, लेकिन एक भी ऐसी घटना नहीं हुई जिससे किसी भारतीय को नुकसान पहुंचा हो। किसी तालिबान या अफगान की सूचना मिली है।
कवि ने अफगानिस्तान पर उनके 20 साल के कब्जे के लिए अमेरिका की खिंचाई की और कहा, केवल वे (अफगान) जानते हैं कि उन्होंने पिछले 20 साल कैसे बिताए। अमेरिकियों के लिए, एक इंसान को मारना एक चींटी को मारने जैसा है, और वे करते हैं बिना परवाह।
बामियान में बुद्ध की मूर्तियों को नष्ट करने के तालिबान के कृत्य के बारे में पूछे जाने पर, मुनव्वर राणा ने पूछा, यहाँ राम मंदिर बनाने के लिए मस्जिद तोड़ दिया .. उसे क्या कहिएगा? क्या वह पवित्र नहीं था?
मुनव्वर राणा हाल ही में उस समय विवादों में थे जब उन्होंने कहा था कि अगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अगले साल सत्ता में लौटते हैं, तो वो उत्तर प्रदेश छोड़ने के लिए मजबूर हो जाएंगे।