पणजी डेस्क/ गोवा सरकार तहलका के पूर्व प्रधान संपादक तरुण तेजपाल के खिलाफ दुष्कर्म का केस हार गई है। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने वरिष्ठ पत्रकार को दुष्कर्म के आरोपों से बरी कर दिया। आरोप था कि तरुण तेजपाल ने 2013 में गोवा के एक फाइव स्टार रिजॉर्ट में अपनी सहकर्मी का यौन शोषण किया था।
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि गोवा सरकार एक महिला के साथ किए गए किसी भी गलत काम को बर्दाश्त नहीं करेगी और कहा कि उनकी सरकार बॉम्बे हाईकोर्ट में फैसले के खिलाफ अपील करेगी। विशेष लोक अभियोजक फ्रांसिस्को तवोरा के अनुसार, फैसला एक ‘गंभीर झटका’ है और राज्य सरकार उच्च न्यायालय में आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की तैयारी कर रही है। तेजपाल के बचाव पक्ष के वकील ने कहा, “उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया गया है।”
एक बयान में तेजपाल ने कहा, “पिछले साढ़े सात साल मेरे परिवार के लिए दर्दनाक रहे हैं क्योंकि हमने अपने व्यक्तिगत पेशेवर और सार्वजनिक जीवन के हर पहलू पर इन झूठे आरोपों के विनाशकारी नतीजों का सामना किया है। हमने सैकड़ों घंटे की अदालती कार्यवाही के माध्यम से गोवा पुलिस और कानूनी व्यवस्था के साथ पूरा सहयोग किया है।”
फैसले के बाद पत्रकारों से बात करते हुए तवोरा ने कहा कि अभियोजन दल इस आदेश से गंभीर रूप से व्यथित है, जिसे उन्होंने बंबई उच्च न्यायालय में चुनौती दी जाएगी। तवोरा ने संवाददाताओं से कहा, “आरोपी को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया है। हम फैसले की एक प्रति का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन राज्य फैसले के खिलाफ अपील की तैयारी कर रहा है। फिलहाल मैं इतना ही कह सकता हूं।
शुरूआत में, आरोपी मामले से बरी होना चाहता था, इसलिए वह सुप्रीम कोर्ट गया और स्थगन आदेश प्राप्त किया। इस तरह मुकदमे को दो साल के लिए रोक दिया गया। अगस्त 2019 में इसे फिर से शुरू किया गया। सितंबर 2020 से, यह दिन-प्रतिदिन के आधार पर चल रहा है।”
फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि गोवा राज्य महिलाओं के खिलाफ किसी भी अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेगा।सावंत ने कहा, “गोवा सरकार एक महिला के साथ किए गए किसी भी गलत काम को बर्दाश्त नहीं करेगी। हम (फैसले के खिलाफ) उच्च न्यायालय में एक अपील दायर कर रहे हैं।”