दावोस डेस्क/ केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि भारत विभिन्न देशों के साथ व्यापार संबंधों में निष्पक्ष और समान शर्त हासिल करने को लेकर काम कर रहा है।
विश्व आर्थिक मंच के सालाना सम्मेलन को संबोधित करते हुए वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने हिंद महासागर क्ष्रेत्र में वृद्धि की अपार संभावनाओं को हकीकत रूप देने तथा जलवायु परिवर्तन के महत्वपूर्ण मसले से निपटने के लिये विभिन्न देशों के बीच सहयोग का आह्वान किया।
गोयल ने कहा कि मौजूदा स्वरूप में क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) समझौता भारत के लिये हस्ताक्षर करने के अनुकूल नहीं था। उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी समझौते में कई बातों पर ध्यान देने की जरूरत है। भारत खासकर चीन और अन्य दूसरे देशों के साथ बड़े व्यापार घाटे से जूझ रहा है।
गोयल ने कहा कि आरसीईपी से भारत के हटने के निर्णय का जिक्र करते हुए कहा कि पहली बार भारत ने यह दिखाया कि व्यापार कूटनीतिक पहले से निर्देशित नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि आरसीईपी के मामले में जो चिंताएं हैं, उस पर गौर करने की जरूरत है।
‘हिंद महासागर तटीय क्षेत्रीय सहयोग संघ’ (आईओआर) पर रणनीतिक परिदृश्य सत्र में उन्होंने यह भी कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंतित है और निष्पक्ष आधार पर सहयोग पर जोर दे रहा है। मंत्री ने कहा, ‘‘हम हिंद महासागर के लिये धुरी के समान हैं और हमारा मानना है कि इस क्षेत्र में काफी संभावना है। लेकिन साथ ही भारत जलवायु परिवर्तन को लेकर भी काफी चिंतित है।’’