लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने रविवार को सहायक अध्यापक (एलटी ग्रेड) भर्ती परीक्षा-2018 में सॉल्वर बैठाने वाले कई गिरोहों का पदार्फाश करते हुए 51 लोगों को गिरफ्तार किया है। लखनऊ से 34, इलाहाबाद से 14, मथुरा से एक और कानपुर से 04 लोग पकड़े गए हैं। सॉल्वर गैंग के लोगों में डाक्टर, फार्मासिस्ट, सरकारी अस्पताल के एक्सरे टेक्निशियन, आरक्षी और इंटर कालेज के प्रवक्ता भी शामिल हैं।
पकड़े गए 51 लोगों में मुख्य सरगना समेत 5 सरगना, करीब 20 बिचौलिए, कई अभ्यर्थी और सॉल्वर हैं। इन लोगों के पास से 49 मोबाइल, 125,070 रुपये, 6 पेन ड्राइव, कई आधार कार्ड, 10 से ज्यादा एटीएम, 3 कारें, 38 प्रश्न पत्र और 25 प्रवेश पत्र आदि बरामद हुए हैं। पकड़ा गया मुख्य सरगना फर्जी दस्तावेजों में सरकारी स्कूल में टीचर था| जो जांच के बाद बर्खास्त कर दिया गया था।
यूपी एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अभिषेक सिंह ने बताया कि राजकीय इंटर कॉलेजों में सहायक अध्यापक-एलटी ग्रेड भर्ती परीक्षा का आयोजन प्रदेश भर में होना था। डीजीपी ओपी सिंह ने इस परीक्षा में सेंधमारी की आशंका को देखते हुए परीक्षा की सुरक्षा की जिम्मेदारी एसटीएफ को सौंपी थी। जांच में जुटी एसटीएफ को सर्विलांस की मदद से पता चला था कि एलटी ग्रेड सहायक अध्यापक परीक्षा में अभ्यर्थी की जगह पर सॉल्वर को बैठाने की साजिश रची जा रही है| जिन पर टीम नजर बनाए हुए थी।
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि गैंग ने अभ्यर्थियों को इस परीक्षा में पास कराने की गारण्टी दी और उसके एवज में परीक्षार्थी से उसके मूल शैक्षिक प्रमाण पत्र व किसी भी बैंक का चेक मांगा गया था। परीक्षा में पास होने के बाद चैक में अंकित धनराशि कैश हो जाने पर मूल शैक्षिक प्रमाण पत्र वापस होने की बात कही गयी। अभ्यर्थियों के फर्जी आधार कार्ड तैयार कर उसमें वास्तविक अभ्यर्थी का विवरण भर सॉल्वर की फोटो लगाई गई थी। गैंग ने ब्लू टूथ डिवाइस से भी कुछ अभ्यर्थियों को नकल कराने की व्यवस्था की थी।