चेन्नई डेस्क/ बैंकिंग क्षेत्र के संघों ने बुधवार से शुरू हुई दो दिवसीय हड़ताल के लिए बाध्य करने के लिए भारतीय बैंक संघ (आईबीए) को जिम्मेदार ठहराया है। इस दो दिवसीय हड़ताल का गुरुवार को आखिरी दिन है।
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सी.एच.वेंकटाचलम ने बताया, यह आईबीए है, जिसने बैंकों के कर्मचारियों को परेशानी में डाला है। यूनियनों ने हड़ताल से 20 दिन पहले नोटिस दिया था लेकिन आईबीए ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फडेरशन (एआईबीओसी) के महासचिव डी.टी.फ्रैंको ने बताया, हड़ताल के लिए आईबीए जिम्मेदार है। यहां तक कि मुख्य श्रम आयुक्त (दिल्ली) द्वारा बुलाई गई बैठक के लिए भी आईबीए ने एक कनिष्ठ अधिकारी को भेज दिया, जिसके पास कोई प्राधिकार नहीं था।
दोनों यूनियन नेताओं ने कहा कि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के बाद आईबीए के चेयरपर्सन के रूप में उषा अनंतसुब्रमण्यम के इस्तीफे से वेतन को लेकर चल रही वार्ता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
वेंकटाचलम ने कहा, आईबीए ने ग्राहकों को मुसीबत में डाला है, यह बैंक हैं, जो दो दिन की हड़ताल की वजह से लागत बचाएंगे। हड़ताल के दिनों के दौरान कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जाएगा। गौरतलब है कि नौ बैंकों के संघ यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) ने दो दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया था, जो बुधवार से शुरू हुई थी।