लखनऊ डेस्क/ प्रयागराज हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने प्रदेश सरकार की ओर से जूनियर व सीनियर बेसिक स्कूलों के सहायक अध्यापकों के संबंध में बनाई गई अंत में आओ-पहले पाओ तबादला नीति को खारिज कर दिया है। साथ ही अदालत ने सभी तबादले और समायोजन रद्द करने के आदेश दिए हैं। हालांकि नई पॉलिसी बनाने की छूट दी गई है।
यह आदेश न्यायमूर्ति इरशाद अली की एकल सदस्यीय पीठ ने 600 से ज्यादा शिक्षकों की ओर से दायर की गई 122 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए दिया है। अदालत ने बीते 14 सितम्बर को ही तबादला नीति के क्रियान्वयन पर अंतरिम रोक लगा दी थी और अब पूरी नीति ही रद्द कर दी है। अदालत ने सरकार की इस शिक्षक तबादला नीति को मनमाना करार दिया।
गौरतलब हो कि सरकारी स्कूलों के बेहतर संचालन और शिक्षक-छात्र अनुपात सुधारने को प्रदेश सरकार ने जुलाई में इस तबादला नीति का शासनादेश जारी किया था। इसी के तहत सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों के तबादले किए जा रहे थे। अभी तक अंतरजनपदीय स्तर पर 12,500 शिक्षकों के तबादले इस नीति के तहत किए गए हैं। जबकि जिले के भीतर हुए तबादलों का ब्योरा शासन के पास उपलब्ध नहीं है।