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संविधान मेला युवा महोत्सव में पहुंचे अखिलेश यादव का बयान

संविधान मेला युवा महोत्सव में पहुंचे अखिलेश यादव का बयान

TIL Desk लखनऊ:👉संविधान मेला युवा महोत्सव में पहुंचे सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव का बयान ……….संविधान मेला युवा महोत्सव में बड़ी संख्या में युवा दिख रहे है। सरकार पीडीए से घबराई हुई है। 90 प्रतिशत आबादी का नारा है पीडीए। पीडीए की रक्षा अभी तक संविधान ने की है, हमारी और आपकी अब जिम्मेदारी बनती है कि संविधान की रक्षा अब पीडीए करे।

जिस तरह के माहौल में हम और आप हैं, हम लोग समय समय पर देख रहे हैं कि संविधान पर कितना खतरा मंडरा रहा है। जब तक भारतीय जनता पार्टी की सरकार है तब तक हमें और आपको मिलकर ये लड़ाई लड़ते रहना पड़ेगा।

संविधान तभी बचेगा जब दिल्ली और यूपी में सरकार का पूरी तरह सफाया नहीं हो जायेगा। समय समय पर बीजेपी हमारे और आप पर जातिवादी होने का आरोप लगाते हैं। जब जब हम पीडीए की बात करते है तब तब ये हमे जातिवादी का आरोप लगाते है।

हमने ये जातियां नहीं बनाई, एक मनु बाबा थे जिन्होंने सब गड़बड़ कर दिया। वही बाबा साहब का संविधान हमें जोड़ता है, हमे सम्मान दिलाता है। संविधान हमारे और आपके लिए संजीवनी है। संविधान हमारी ढल बनकर हमारी रक्षा करता है।

बाबा साहब ने जो हमे अधिकार दिया है वोट का उसी अधिकार से हमे संविधान को बचाना है। ये लोग नारा देते थे वन नेशन, वन इलेक्शन । हमारे नौजवानों को धरने पर बैठना पड़ा। ये वही सरकार है जो रिकॉर्ड बनाने का दावा करती थी कि हम एक साथ कितनी परीक्षा कर सकते हैं।

बीजेपी के एजेंडा में नौकरी नहीं है। नौकरी नहीं देना चाहते क्योंकि वो हमारा और आपका आरक्षण छीनना चाहते है। भाजपा जानबूझ कर समय समय पर साजिश करती है। बांटोगे तो अक्टूज दुनिया का सबसे बड़ा असंवैधानिक नारा था। पहले तो इनके डबल इंजन के इंजन टकराते थे, फिर डब्बे टकराने लगे।

अब इनके इस नारे से इनकी पार्टी के लोग ही किनारा कर रहे है। अंग्रेजो ने नारा दिया था डिवाइड एंड रूल, अंग्रेज चले गए लेकिन उनके सोच वाले रह गए। कोई पहनावे से संत नहीं बन जाता है, अपने विचारों से संत बनता है। अगर इनके विचार नहीं बदला तो ये संविधान ही उन्हें बदल देगा।

उपचुनाव चल रहा है,इन्होंने जिला अधिकारियों को जिला अध्यक्ष बना दिया है। जो लोग राजनीति में हमसे हारने लगे हैं वो हमारे अधिकार पर भी हमला करने लगे हैं। ये सभी संस्थाओं को एक रंगी बनाना चाहते हैं। हम लोग एक रंग कभी स्वीकार नहीं कर सकते, हम बहुरंगी लोग है। जो लड़ाई हजारों साल से चल रही है वो आज भी चल रही है।

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