लखनऊ डेस्क/ इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ कर दिया है। अदालत ने राज्य सरकार द्वारा कटऑफ बढ़ाने के फैसले को सही ठहराया और पूरी भर्ती प्रक्रिया तीन माह के भीतर पूरी करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने अपना निर्णय सुनाते हुए राज्य सरकार द्वारा बढ़ाए गए कटऑफ (सामान्य के लिए 65 फीसदी व आरक्षित के लिए 60 फीसदी अंक) पर मुहर लगा दी है। यह फैसला सरकार के पक्ष में आया है।
न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल व न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की खंडपीठ ने बुधवार को सरकार द्वारा तय किए गए मानकों पर मुहर लगाते हुए राज्य सरकार समेत अन्य अभ्यर्थियों की अपील पर फैसला सुनाया। कोर्ट ने सरकार के फैसले को सही बताया है, साथ ही तीन माह में भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया है।
हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई पूरी कर तीन मार्च को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था, जिसे बुधवार को वीडियो कांफ्रेसिंग माध्यम से सुनाया। एक याची के अधिवक्ता गौरव मेहरोत्रा ने बताया कि हाईकोर्ट ने बहुप्रतीक्षित फैसले में विशेष अपीलों को मंजूर करते हुए एकल पीठ का फैसला खारिज कर दिया। साथ ही हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को भर्ती प्रक्रिया तीन माह में पूरी करने का आदेश दिया है।
महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने सरकार का पक्ष रखते हुए कोर्ट को बताया कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षकों के चयन के लिए कटऑफ बढ़ाए गए थे। सरकारी वकील रणविजय सिंह के अनुसार, हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश को रद्द कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के 69,000 पदों पर भर्ती के मामले में उच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया है।