जम्मू डेस्क/ कश्मीर के अलगाववादियों को मिलने वाली सरकारी सुविधाओं पर रोक लगाने के लिए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई। याचिका में मांग की गई है कि सरकार की ओर से अलगाववादियों को विदेशी दौरे और अन्य सुविधाओं के लिए दी जाने वाली आर्थिक मदद पर रोक लगायी जाए।
सरकार अलगाववादियों पर सालाना 100 करोड़ से अधिक रुपये खर्च करती है और वे देश विरोधी गतिविधियों में इन पैसों का इस्तेमाल कर रहे हैं।सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह अपनी याचिका सूची में दर्ज कराएं। कोर्ट ने कहा, हम लोग भी ऐसी सोच रखते हैं। यहां बैठे सभी लोग ऐसा ही महसूस करते हैं। केंद्र सरकार ने बुधवार को स्पष्ट कर दिया कि सरकार सभी पक्षों से बातचीत के लिए तैयार है लेकिन राष्ट्र की संप्रभुता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
कश्मीर में शांति बहाली के प्रयासों के तहत घाटी गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से अलगाववादियों ने बातचीत से इनकार कर दिया और अडि़यल रवैया अपनाया। इस पर केंद्र सरकार भी उन पर सख्ती करने पर विचार कर रही है, इस सख्ती में उनकी सुरक्षा, विदेश यात्राओं समेत कई सुविधाओं में कटौती भी शामिल है।