लखनऊ डेस्क/ बसपा प्रमुख ने अपने बयान में केंद्र की मोदी सरकार और जम्मू-कश्मीर की पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार को घेरा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सीमापार गोलीबारी से एक महीने के भीतर 28 जवान शहीद हो गए और ऐसे में वहां वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या कर दी जाती है। इस सबके मद्देनजर अब समय आ गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी अड़ियल नीति को छोड़कर बिना विलंब किए देशहित में अपनी कश्मीर नीति पर पुनर्विचार करें।
मायावती ने कहा, “कश्मीर की क्षेत्रीय पार्टी पीडीपी (पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और भाजपा के गठबंधन वाली सरकार होने के बाद भी जम्मू-कश्मीर के हालात बेकाबू हो गए हैं। वहीं पाकिस्तान सीमा के साथ-साथ आंतरिक राज्य में भी हिंसा व हत्याओं का दौर लगातार जारी है, जिसमें हमारे सैनिकों की लगातार शहादत हो रही है।” उन्होंने कहा कि देश में शांति व कानून-व्यवस्था के लिए केंद्र सरकार को खासकर कश्मीर नीति में परिवर्तन लाना चाहिए और राजनीतिक स्तर पर भी सुधार के प्रयास तेज करने चाहिए।
मायावती ने कहा कि भाजपा की कश्मीर नीति पूर्णत: जनहित व देशहित पर आधारित न होकर पार्टी की संकीर्ण राजनीतिक सोच से ज्यादा प्रभावित लगती है और शायद यही कारण है कि भाजपा का जम्मू नेतृत्व स्वार्थ में लिप्त है और जम्मू क्षेत्र की जनता तनाव व हिंसा का शिकार है। इसलिए भाजपा को जनहित व देशहित में अपनी जम्मू-कश्मीर नीति में व्यापक सुधार लाने की जरूरत है।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की जनता के साथ वैसा तल्ख सरकारी व्यवहार कतई नहीं होना चाहिए, जैसा कि पाकिस्तान की सरकार उसके कब्जे वाले कश्मीर के लोगों के साथ लगातार करती चली आ रही है। उन्होंने कहा कि कश्मीरी जनमत हमेशा भारत के साथ रहा है और आज भी है, इसमें किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए। अगर किसी को संदेह है, तो सिर्फ संकीर्ण सोच के कारण।