नई दिल्ली डेस्क/ एक नाटकीय घटनाक्रम में राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) निदेशक आलोक वर्मा के आवास के बाहर उनके सुरक्षा कर्मचारियों ने गुरुवार को खुफिया ब्यूरो (आईबी) के चार कर्मियों को पकड़ा। इसे लेकर आईबी ने किसी भी तरह के संदेह को खारिज करते हुए बताया है कि उसके कर्मचारी नियमित गश्त पर थे।
मंगलवार रात केंद्र सरकार द्वारा ‘लंबी छुट्टी’ पर भेजे गए आलोक वर्मा के सुरक्षा स्टाफ ने आईबी कर्मियों को पकड़ा और उन्हें आवास में खींच कर ले गए। चारों आईबी कर्मी सीबीआई निदेशक के जनपथ स्थित आवास के बाहर कार में बैठे थे। हर आईबी कर्मी को आलोक वर्मा के दो गार्डो ने पकड़ा हुआ था। गार्ड उन्हें पकड़कर वर्मा के बंगले में ले गए और उन्हें अपनी पहचान बताने को कहा।
इन चारों आईबी कर्मियों को बुधवार रात से उनकी कार में देखा जा रहा था| इससे संदेह पैदा हुआ कि वे वर्मा की जासूसी कर रहे हैं। इससे पहले सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा को सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के साथ विवाद के बाद सरकार ने ‘छुट्टी’ पर भेज दिया। एक वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहा है कि आलोक वर्मा के सुरक्षा अधिकारी इन लोगों को खींचते हुए ले जा रहे हैं। इसके बाद आईबी ने स्वीकार किया कि यह सभी व्यक्ति उसके कर्मचारी हैं।
आईबी ने एक बयान में कहा, “आईबी के पास सार्वजनिक व्यवस्था व आंतरिक सुरक्षा के हालात को प्रभावित करने वाली बातों पर खुफिया सूचना एकत्र करने की जिम्मेदारी है। इसकी इकाइयों को नियमित रूप से संवेदनशील इलाकों में तैनात किया जाता है।” इसमें कहा गया है, “इसी तरह की एक इकाई आज (गुरुवार) सुबह जनपथ पर रुकी जहां असामान्य रूप से लोग जमा थे। ऐसा यह जांचने के लिए था कि लोग इस जगह पर क्यों जमा हैं…यह उच्च सुरक्षा वाला क्षेत्र है| दुर्भाग्य से उनकी मौजूदगी को अन्यथा पेश किया गया।”
इन चार व्यक्तियों को दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया| इनकी पहचान धीरज कुमार, अजय कुमार, प्रशांत कुमार व विनीत कुमार गुप्ता के रूप में हुई है। धीरज कुमार व अजय कुमार ने पुलिस से कहा कि वे कनिष्ठ आईबी अधिकारी हैं, जबकि अन्य दो ने ब्यूरो में वरिष्ठ अधिकारी होने का दावा किया। इन व्यक्तियों के पास से पहचान पत्र व कई मोबाइल फोन बरामद किए गए। आलोक वर्मा व उनके राकेश अस्थाना को एक दूसरे पर रिश्वत के आरोप लगाने के विवाद के बीच मंगलवार रात्रि को एजेंसी में ड्यूटी से हटा दिया गया।