नई दिल्ली डेस्क/ सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना की लड़ाई दिल्ली हाइकोर्ट पहुंच गई राकेश अस्थाना ने अपने ख़िलाफ़ दर्ज FIR को रद्द कराने के लिए हाइकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है। कोर्ट में अस्थाना ने कहा कि एक आरोपी के बयान के आधार पर FIR दर्ज की गई है।
इसके बाद हाइकोर्ट ने सोमवार तक अस्थाना की गिरफ़्तारी पर रोक लगाते हुए सीबीआई और उसके चीफ़ को नोटिस जारी किया है। साथ ही राकेश अस्थाना के सारे अधिकार वापस ले लिए गए हैं।
यह विवाद हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी मीट कारोबारी मोइन कुरैशी केस में कथित रूप से दो करोड़ रुपये घूस लेने के आरोपों से जुड़ा है। इस केस में सीबीआई डायरेक्टर के निर्देश पर उनके खिलाफ केस दर्ज होने के बाद से सीबीआई में घमासान मचा हुआ है।
सबसे बड़ी जांच एजेंसी की इस लड़ाई पर सरकार अभी तक चुप्पी साधे हुए है। इस मामले में सीबीआई चीफ आलोक वर्मा अपने नंबर दो यानी स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई चाहते हैं।
गौरतलब हो कि इससे पहले दो करोड़ रुपये कथित तौर पर घूस लेने के मामले में सीबीआई में केस दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अस्थाना ने CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा पर भ्रष्टाचार और अनियमितता के मामलों में आरोप लगाए हैं ।