लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के मेधावी छात्रों को सम्मानित किया। छात्राओं की प्रशंसा करते हुए योगी ने कहा कि यदि इन्हें मौका मिले तो ये अपनी प्रतिभा से देश को नई दिशा दे सकती हैं। मुख्यमंत्री ने राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के भीमराव अंबेडकर सभागार में आयोजित ‘मेधावी विद्यार्थी सम्मान 2018’ कार्यक्रम में यह बात कही।
इस मौके पर योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा’ दिया। मेरिट में 35 लड़के जबकि 62 बालिकाएं हैं। बालिकाएं ज्यादा मेहनती हैं, अगर उन्हें मौका दिया जाए तो वे राष्ट्र को नई दिशा दे सकती हैं। उन्होंने कहा, प्रदेश में फतेहपुर के लड़के ने टॉप किया है। अति पिछड़े जिले के लड़के ने टॉप कर ये साबित कर दिया है कि मनुष्य परिश्रम से असंभव को संभव बना सकता है। शॉर्टकट का रास्ता सफलता नहीं दिला सकता।
उन्होंने कहा कि युवा परिश्रम करें लेकिन तनावमुक्त होकर। क्योंकि तनाव में रहकर लक्ष्य नहीं पाया जा सकता है। तनावमुक्त होकर परीक्षा की तैयारी करें। अपनी बुद्घि विवेक से काम करें तब अच्छा परिणाम आएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नकलविहीन परीक्षा के लिए हमने एक वर्ष पहले ही आह्वान कर दिया था। प्रदेश में शिक्षा में सुधार के लिए उठाए गए कदम से ही हमने सबसे पहले अच्छा परिणाम दिया है।
मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि किसी छात्र को जेल नहीं भेजा जाएगा, लेकिन नकल गिरोह को छोड़ा भी नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि आगे की परीक्षा भी सरल होगी, अपने पर विश्वास कीजिए, मेहनत कीजिए, सफलता आपके कदम चूमेगी। मुख्यमंत्री ने कहा, जब हम सरकार में आए थे, न तो शिक्षक थे न संसाधन थे। एक साल में हमने अच्छा माहौल दिया। अगले साल और अच्छी मेरिट आएगी।
इससे पहले उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि आज के बच्चे अपने वर्तमान को बेहतर बनाने के साथ भारत के भविष्य को संवारने के लिए आगे आएंगे। चरित्र, मर्यादा और आचरण अच्छा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी बुद्घिमान बनें, लेकिन उनमें अहंकार का भाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने 165 नए दीनदयाल उपाध्याय मॉडल स्कूल खोले हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में पहली बार हमारी सरकार ने नकलविहीन परीक्षा कराई है। उन्होंने छात्रों को यह सीख भी दी कि माता-पिता वट वृक्ष की तरह हैं, उनकी छांव में रहें।