गोरखपुर डेस्क/ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को गोरखपुर पहुंचे जहाँ उन्होंने ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ और महंत अवेद्यनाथ की पुण्यतिथि के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में आयोजित ‘भारतीय संस्कृति में गो-सेवा का महत्व’ विषय पर अपने विचार रखे ।
सीएम योगी ने अपने भाषण के दौरान कहा कि उत्तर प्रदेश में जब हमारी सरकार आई तो हमने पहले चरण में सारे अवैध बूचड़खाने बंद करवाए। अब दूसरे चरण में हर जनपद में एक बड़ी गोशाला का निर्माण कराने जा रहे हैं जहां 5000-10000 गोवंश को रखने की व्यवस्था की जा सकेगी।
उन्होंने कहा कि इन गायों की सेवा के लिए सरकार पैसा देगी। गो सदनों के माध्यम से हम प्रयास कर रहे हैं कि सरकार पर निर्भरता कम से कम हो। यूपी की 23 करोड़ की आबादी है और गोवंश की संख्या चार करोड़ है। यदि हर व्यक्ति गायों के संरक्षण पर ध्यान दे तो इनका संरक्षण और संवर्धन दोनों हो सकेगा। गो क्रांति से कृषि क्रांति की दिशा में क्या परिवर्तन हो सकता है यह हमें सोचने की बात है।
उन्होंने कहा कि गौ माता हमारी आस्था भी हैं और हमारी आजीविका भी। कैसे प्रत्येक गोवंश हमारे लिए उपयोगी हो सकता है। इसको लेकर हिमाचल के राज्यपाल ने बहुत ही रोचक व्याख्यान दिया है। भारत को अगर कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है, स्वावलंबी बनाना है। गरीबों किसानों के चेहरे पर खुशहाली लाना है तो गोमाता उसका आधार बन सकती है।
भारत के गोवंश की परंपरा हमारे धर्म और संस्कृति की प्रतीक है। अगर प्रतीक नहीं रहेंगे तो फिर धर्म कहां से रहेगा, इसके बारे में सोचना होगा। भारतीय नस्ल में जो गोवंश है उसका अपना एक अलग महत्व है। वैज्ञानिकों ने भी इसे स्वीकार किया है और उसके महत्व के को हर दृष्टि से उपयोग माना है।