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जीएसटी में १२११ सामने पर लगेगा टैक्स

जीएसटी में १२११ सामने पर लगेगा टैक्स

TIL डेस्क/ वस्तु एवं सेवा कर (GST) के अन्तर्गत 1211 वस्तुओं पर टैक्स तय कर लिया गया है. GST लागू होने के बाद इनमें से अधिकतर वस्तुओं के बाजार मूल्य में कमी की उम्मीद है| इसकी वजह यह है कि इन वस्तुओं पर लगने वाला प्रस्तावित टैक्स वर्तमान टैक्स से कम है| GST काउंसिल ने 9 में से 7 नियमों को मंजूरी दी है| बाकी 2 नियमों पर लीगल कमेटी फैसला करेगी. जीएसटी काउंसिल ने टैक्स स्लैब के मुताबिक जो सामान तय किए हैं, उनमें ज्यादातर सामानों पर 5 से लेकर 18 फीसदी टैक्स लगेगा| बड़ी बात ये है कि अनाज को टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है| केवल 19 फीसदी चीजें ही ऐसी होंगी जो 28 फीसदी टैक्स के दायरे में आएंगी|

इन सामानों पर नहीं लगेगा टैक्स

बटर मिल्क, दही, शहद, फल एवं सब्जियां, फ्रेश मीट, फिश चिकन, अंडा, दूध, आटा, बेसन, ब्रेड, प्रसाद, नमक, बिंदी, सिंदूर, स्टांप. न्यायिक दस्तावेज, प्रिंटेड बुक्स, अखबार, चूड़िया और हैंडलूम जैसे रोजमर्रा के सामान जीएसटी से बाहर रखे गए हैं |

5 प्रतिशत का टैक्स इन पर

ब्रांडेड पनीर, फ्रोजन सब्जियां, कॉफी, चाय, फिश फिलेट, क्रीम, स्किम्ड मिल्ड पाउडर, मसाले, पिज्जा ब्रेड, रस, साबूदाना, केरोसिन, कोयला, दवाएं, स्टेंट और लाइफबोट्स जैसी चीजों पर सिर्फ 5 प्रतिशत का टैक्स लगेगा|

12 प्रतिशत का टैक्स इन पर

सॉस, फ्रूट जूस, भुजिया, नमकीन, आयुर्वेदिक दवाएं, फ्रोजन मीट प्रॉडक्ट्स, बटर, पैकेज्ड ड्राई फ्रूट्स, ऐनिमल फैट, टूथ पाउडर, अगरबत्ती, कलर बुक्स, पिक्चर बुक्स, छाता, सिलाई मशीन और सेल फोन जैसी जरूरी आइटम्स को 12 पर्सेंट के स्लैब में रखा गया है।

18 प्रतिशत टैक्स इन चीजों पर

जैम, सॉस, सूप, आइसक्रीम, इंस्टैंट फूड मिक्सेज, मिनरल वॉटर, फ्लेवर्ड रिफाइंड शुगर, पास्ता, कॉर्नफ्लेक्स, पेस्ट्रीज और केक, प्रिजर्व्ड वेजिटेबल्स, टिशू, लिफाफे, नोट बुक्स, स्टील प्रॉडक्ट्स, प्रिंटेड सर्किट्स, कैमरा, स्पीकर और मॉनिटर्स पर 18 फीसदी टैक्स लगाए जाने का निर्णय किया गया है|

28 फीसदी टैक्स इन वस्तुओं पर

पेंट, डीओडरन्ट, शेविंग क्रीम, हेयर शैम्पू, डाइ, सनस्क्रीन, वॉलपेपर, सेरेमिक टाइल्स, च्युइंगम, गुड़, कोकोआ रहित चॉकलेट, पान मसाला, वातित जल, वॉटर हीटर, डिशवॉशर, सिलाई मशीन, वॉशिंग मशीन, एटीएम, वेंडिंग मशीन, वैक्यूम क्लीनर, शेवर्स, हेयर क्लिपर्स, ऑटोमोबाइल्स, मोटरसाइकल, निजी इस्तेमाल के लिए एयरक्राफ्ट और नौकाविहार को लग्जरी मानते हुए सबसे अधिक टैक्स लेने का फैसला किया गया है|

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