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केंद्र की मंज़ूरी के बाद यूपी में बनेंगे गरीबों के लिए आशियाने

केंद्र की मंज़ूरी के बाद यूपी में बनेंगे गरीबों के लिए आशियाने

यूपी डेस्क/ यूपी में सरकार बदलने के बाद ‘प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सबके लिए आवास (शहरी मिशन) योजना’ को धरातल पर उतारने की कोशिश तेज हो गई है। पहले चरण में 32 शहरों में 11,286 मकान बनाने के लिए जो डीपीआर तैयार हुआ था उसे केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। इन मकानों के निर्माण पर करीब 384.59 करोड़ रुपये खर्च होंगे। राज्य नगरीय विकास अभिकरण (सूडा) द्वारा तैयार कराए गए इस डीपीआर को करीब दो महीने पहले मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली स्टेट स्टीयरिंग कमेटी से मंजूरी मिलने के बाद केंद्र को भेजा गया था।

दरअसल, केंद्र ने 2015 में यह योजना लागू की लेकिन तत्कालीन अखिलेश सरकार ने इसे तवज्जो नहीं दी। लिहाजा अन्य प्रदेशों की तुलना में यूपी इस योजना को शुरू करने में पिछड़ गया। सपा सरकार की मंशा भांप कर सरकारी अमला भी इसे शुरू करने को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा था। अलबत्ता 2016 में जब विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हुई और केंद्र सरकार से लगातार इस बारे में बयान आने लगे तब राज्य सरकार ने करीब एक साल विलंब से योजना शुरू तो कर दी लेकिन पहले चरण में सिर्फ 11 हजार मकान बनाने का ही डीपीआर बनवाया गया। बहरहाल, सरकार बदलने पर अधिकारियों की प्राथमिकताएं भी बदली हैं। इसलिए सूबे में इस योजना को तेजी के साथ शुरू करने की कवायद हो रही है। विभाग के एक उच्चाधिकारी कहते हैं कि सरकार की मंशा है कि सूबे के सभी शहरों में पहले एक-एक परियोजना का डीपीआर बने। इसमें करीब एक लाख मकान बनाने का लक्ष्य रखा जाए।

इसी आधार पर अधिकारियों को डीपीआर तैयार कराने का निर्देश दिया गया है। गौरतलब है, पिछले दिनों लखनऊ आए केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने भी समीक्षा बैठक में इस योजना पर ध्यान देने को कहा था। उसी बैठक में नायडू ने राज्य सरकार द्वारा भेजे गए 11 हजार मकानों के डीपीआर को मंजूरी देने का निर्देश भी दिया था। इसी क्रम में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने उस डीपीआर को मंजूरी दी है।

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