TIL Desk लखनऊ/ समाजवादी कुनबे में चरम पर पहुंचे घमासान का बेहद नाटकीय ढंग से पटाक्षेप हो गया। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सपा से बर्खास्तगी के बाद पहली बार आज पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव से मुलाकात करने पहुंचे और मुलायम ने अखिलेश और अपने भाई रामगोपाल यादव का निष्कासन खत्म कर दिया। सबसे दिलचस्प यह रहा कि अखिलेश के राजनीतिक प्रतिद्वंदी चाचा और सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने मुख्यमंत्री और रामगोपाल का निष्कासन रद्द किये जाने का ऐलान किया।
शिवपाल ने ‘ट्वीट’ करके कहा ‘‘नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के आदेश के अनुसार अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव का पार्टी से निष्कासन तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाता है। सब साथ मिलकर साम्प्रदायिक ताकतों से लड़ेंगे और पुन: उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएंगे।’’ बाद में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री समेत पार्टी के सभी शीर्ष नेता बातचीत करके प्रत्याशी तय कर लेंगे। सब लोग नेताजी (मुलायम) से बात करके सभी चीजें तय कर लेंगे। सभी मिलकर 2017 के चुनाव में जाएंगे और प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएंगे। अब सब ठीक हो गया है।
सपा महासचिव रामगोपाल यादव द्वारा रविवार को बुलाये गये राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन के भविष्य के सवाल पर शिवपाल ने कहा ‘‘अब सभी बातें खत्म हो गयी हैं। हम सब मिलकर चुनाव में जाएंगे।’’ समाजवादी पार्टी :सपा: में दो फाड़ की नौबत के बीच आज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा ‘शक्ति प्रदर्शन’ के बाद दोनों पक्षों में सुलह-समझौते की कोशिशें तेज हुई। सपा के वरिष्ठ नेता और काबीना मंत्री आजम खां इस कवायद के सूत्रधार रहे।