यूपी डेस्क/ सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा के कहने, सोचने और करने में बड़ा अंतर है। उसकी नीतियों और कार्यों से जनता संतुष्ट नहीं है। भाजपा और विश्व हिंदू परिषद की कोशिश नफरत फैलाने की रहती हैं। गुजरात चुनावों के बाद भाजपा एक बार फिर विकास की राजनीति को भ्रमित करने के अभियान में जुट गई है। अखिलेश यादव ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि अस्पतालों में प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक नहीं लगी है। गोरखपुर में हजारों बच्चों की जाने गईं। वहां एम्स बना क्या?
समाजवादी सरकार ने गंभीर बीमारियों, दिल, कैंसर किडनी और लीवर के मुफ्त इलाज की व्यवस्था की थी अब मुफ्त डायलेसिस भी नहीं हो रही है। दवा मुफ्त नहीं मिल रही है। कहा कि किसानों के प्रति भाजपा सरकार का सौतेला व्यवहार है। प्रदेश में आलू सड़ रहा है। किसानों को धान की कीमत नहीं मिली है। फसल की लागत से डेढ़ गुना मूल्य देने का वादा भी सिर्फ वादा ही रहा। गड्ढामुक्ति के नाम पर भी घोटाला हुआ। बिजली संकट बढ़ता जा रहा है।
अनुपूरक बजट में दवा, स्वास्थ्य की कोई व्यवस्था नहीं है। स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। कानून व्यवस्था बदतर है। किसान, नौजवानों का उत्पीड़न हो रहा है। राजधानी में मुख्यमंत्री निवास और राजभवन के पास के इलाके में हत्या हुई, गोली चली। डुमरियागंज के पूर्व विधायक जिप्पी तिवारी का इकलौता बेटा मारा गया। अखिलेश ने कहा, भाजपा चुनाव को प्रभावित करने के लिए सत्ता एवं सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग करती है। भाजपा की राजनीति जातिवाद और सांप्रदायिकता पर आधारित है। विकास उसके लिए सिर्फ एक जुमला है। वास्तव में विकास से भाजपा को परहेज है। सुधार के नाम पर उसने जीएसटी और नोटबंदी से जनता को परेशान करने का काम किया है। जनता सब देख रही है। बस 2019 का इंतजार है।