लखनऊ डेस्क/ मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव की संस्था जीव आश्रय को अखिलेश सरकार ने नियमों को ताक पर रखकर 7.85 करोड़ का अनुदान दिया। यह खुलासा एक आरटीआई में हुआ है। आरटीआई में मिली जानकारी के मुताबिक अपर्णा की संस्था को बिना किसी परमिशन के लगातार तीन सालों तक करोड़ों के अनुदान दिए गए। आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर ने बताया कि आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार निदेशालय की संस्तुति के बिना ही करोड़ों रुपए दे दिए गए।
आरटीआई एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने बताया कि मैंने सूचना मांगी थी कि अपर्णा यादव द्वारा संचालित जीव आश्रय संस्था को सपा सरकार ने 2013 से 2016 तक में कितना अनुदान दिया। ये जानकारी मैंने शासन और गौसेवा आयेाग दोनेां से मांगी थी। जिमसें गो-सेवा आयोग द्वारा कहा गया कि हमने सिर्फ वर्ष 2016-2017 के लिए संस्तुति की थी, बाकी के अन्य वर्षों में हमारी कोई संस्तुति नहीं थी। वहीं शासन ने आरटीआई के जवाब में कहा कि शासन की ओर से जीव संरक्षण संस्था को अनुदान दिया गया। लेकिन उसमें किसी की संस्तुति या निर्देश लिखित तौर पर नहीं था।
नूतन ठाकुर ने कहा कि आरटीआई में मिले जवाब से पूरी बात साफ है कि अनुदान देते वक्त नियमों को ध्यान नहीं रख गया। क्यों कि नियम में गोसेवा आयोग के निदेशक की संस्तुति जरूरी होती है। लेकिन संस्तुति तो दूर किसी प्रकार की जानकारी आयोग को नहीं दी गई। ये सब सपा परिवार के लोगों को बेहिसाब सम्पत्ति बनाने के लिए कराया गया। जो कि एक प्रकार के आर्थिक भ्रष्टाचार को ही बढ़ावा देता है। गोसेवा आयोग के जन सूचना अधिकारी डॉ संजय यादव की ओर से दी गई 23 मई 2017 की सूचना के अनुसार कान्हा उपवन, नादरगंज, लखनऊ में संचालित होता है।
2013 से 2017 तक जीव आश्रय को कुल 7.85 करोड़ का अनुदान दिया गया
– 2013-14 में 1.25 करोड़ अनुदान राशि दी गई।
– 2014-15 में 1.46 करोड़ की अनुदान राशि दी गई।
– 2015-16 में 2.58 करोड़ की अनुदान राशि दी गई।
– 2016-17 में 2.56 करोड़ करोड़ की अनुदान राशि स्वीकृत करते हुए भुगतान किया गया।