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‘मफलरमैन’ से ‘माफ़ीमैन’ बने केजरीवाल

'मफलरमैन' से 'माफ़ीमैन' बने केजरीवाल

नई दिल्ली डेस्क/ मानहानि के कई मामलों में फंसे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन दिनों नरम रवैया अपनाते हुए एक के बाद एक नेताओं ने माफी मांग रहे हैं। सोमवार को केजरीवाल ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से माफी मांगी है। दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल, आम आदमी पार्टी (AAP) नेता संजय सिंह और आशुतोष ने जेटली को एक ज्वॉइंट लेटर लिखा है, जिसमें जेटली से मानहानि मामले को लेकर माफी मांगी गई है।

अरुण जेटली ने केजरीवाल की माफी स्वीकार कर ली है। ऐसे में चर्चा है कि जेटली जल्द ही दिल्ली सीएम के खिलाफ दायर मानहानि के दो मामलों को वापस ले सकते हैं। बता दें कि जेटली ने केजरीवाल के खिलाफ 10-10 करोड़ के दो मामले दायर किए थे।

दिल्‍ली के सीएम केजरीवाल और कुछ आप नेताओं ने दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में कथित घोटाले को लेकर केंद्रीय वित्‍त मंत्री अरुण जेटली पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद अरुण जेटली ने दिसंबर 2015 में अरविंद केजरीवाल और अन्‍य पांच आप नेताओं के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में आपराधिक मानहानि का दावा ठोकते हुए 10 करोड़ रुपये का पहला मुकदमा किया था।

इसके बाद जेटली ने केजरीवाल पर मानहानि का दूसरा मामला भी दर्ज कराया था। ये नया मामला केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी की ओर से जेटली के लिए आपत्तिजनक शब्‍द इस्‍तेमाल करने के कारण हुआ है। पटियाला हाउस कोर्ट में चल रहे पिछले 10 करोड़ की मानहानि के मुकदमे के दौरान जेठमलानी ने जेटली के लिए क्रूक शब्‍द का इस्‍तेमाल किया था। दोनों मामलों पर कोर्ट में कई बार पेशी हो चुकी है। दोनों से सवाल-जवाब भी हो चुके हैं। लेकिन, फिलहाल कोर्ट ने कोई फैसला नहीं सुनाया है।

‘आप’ की लीगल टीम ने केजरीवाल के मुकदमों की सुनवाई की तारीखों की एक लिस्ट भी भेजी है। ये लिस्ट 7 मार्च 2018 से 7 अप्रैल 2018 के शेड्यूल की है। इस एक महीने में केजरीवाल और उनके साथियों को करीब 22 तारीखों का सामना करना है। जानकारों का मानना है कि केजरीवाल रोज-रोज कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटते-काटते थक गए हैं। इन सब चक्करों की वजह से वो न तो पार्टी पर ध्यान दे पा रहे हैं न ही सरकार के काम पर। मानहानि मामलों की सुनवाई के कारण अदालत में केजरीवाल को रोजाना घंटों बर्बाद करने पड़ रहे हैं। जिसका असर प्रशासन के कामकाज पर पड़ रहा है। माफ़ी मांगकर वो तमाम ऐसे मुद्दों को निपटाना चाहते हैं जिससे सरकार का काम बाधित हो रहा है।

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