मुंबई डेस्क/ देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में अबतक के सबसे बड़े किडनी रैकेट में पुलिस ने मुंबई के प्रसिद्ध हीरानंदानी अस्पताल के पांच डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार डॉक्टरों में अस्पताल के सीईओ और मेडिकल डायरेक्टर भी शामिल हैं। हीरानंदानी अस्पताल में चल रहे किडनी रैकेट मामले में एक बाद एक अबतक 12 गिरफ्तारियां की जा चुकी है। मामले में पुलिस और भी गिरफ्तारियां कर सकती है।
मंगलवार को इस पूरे मामले में सबसे बड़ी गिरफ्तारी हुई है। इस रैकेट की तफ्तीश में लगी पुलिस ने इस हाई प्रोफाइल अस्पताल के सीईओ डॉक्टर सुजीत चटर्जी समेत अन्य 4 बड़े डॉक्टर्स को भी गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है की हीरानंदानी अस्पताल में फर्जी दस्तावेजों की मदद से नकली रिश्तेदार तैयार किये जाते थे।
अवैध तरीके से जरुरतमंद को किडनी बेची जाती थी। इस रैकेट का सरगना एक किडनी ट्रांसप्लांट के बदले में 25 से 30 लाख रुपये लेता था। किडनी देनेवालों को कुछ हजार रुपये देकर ही चुप करा दिया जाता था। मामले की हक़ीक़त पिछले महीने की 14 जुलाई को सामने आयी थी। जब एक किडनी डोनर सामने आ गया था। किडनी डोनर ने एक सामाजिक संस्था के साथ मिलकर पिछले महीने तब छापा मारकर इस रैकेट का भंडाफोड़ करवाया जब डॉक्टर एक किडनी ट्रांसप्लांट करने ही वाले थे। छापे में पता चला था कि जिस महिला को मरीज की पत्नी बताकर अस्पताल में भर्ती करवाया गया था वह उसकी पत्नी थी ही नहीं।
पुलिस सूत्रों की माने तो अब तक इस पुरे मामले में गुजरात और राजस्थान से भी कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। अंदाजा है की इस गिरोह ने अब तक इसी तरह से फर्जीवाड़ा कर 50 के करीब किडनी का ट्रांसप्लांट करवाया है। हालांकि पुलिस ने अब तक सिर्फ 4 केस में ही छानबीन शुरू की है। इसके अलावा पुलिस अब हीरानंदानी अस्पताल में हुए अब तक के सभी किडनी ट्रांसप्लांट के फाइल्स को दुबारा से खंगालने में लगी है। साथ ही आरोपियों पर मानव अंग प्रत्यार्पण कानून 1994 के तहत मामला दर्ज किया गया है। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं। अभी पूछताछ चल रही है।