लखनऊ डेस्क/ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 29 साल का मिथक तोड़कर शनिवार को दिल्ली से सटे नोएडा पहुंच गए हैं। वे यहां मेट्रो की नई मेजेंटा लाइन के उद्घाटन की तैयारियों का जायजा लेंगे। 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस के मौके पर नरेंद्र मोदी नोएडा से साउथ दिल्ली के बीच मेट्रो की शुरुआत करेंगे। योगी के नोएडा आने की चर्चा इसलिए जोरों पर है क्योंकि एक अंधविश्वास के चलते पिछले 29 सालों में यूपी के सीएम नोएडा जाने से परहेज करते आए हैं।
नोएडा के बारे में कहा जाता है, जब भी प्रदेश का कोई सीएम यहां आया, वह दोबारा सत्ता में नहीं लौटा। पिछले 29 सालों से अंधविश्वास की यही धारणा चली आ रही है। मायावती ने साल 2011 में यह अंधविश्वास तोड़ने की कोशिश की थी, लेकिन वह 2012 के चुनाव में वापस सत्ता में नहीं आईं। मायावती 14 अगस्त, 2011 को दिल्ली और नोएडा के बॉर्डर पर एक रैली की थी पर नोएडा की सीमा में एंट्री नहीं की थी। कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह और मुलायम सिंह यादव भी नोएडा जाने से परहेज करते रहे।
डीएम नोएडा ने बताया- “23 दिसंबर वह हैलीपैड का जायजा लेंगे, फिर एमिटी यूनिवर्सिटी में कार्यक्रम के लिए बनाए जा रहे स्टेज का निरीक्षण करेंगे। इसके बाद योगी प्राधिकरणों के अधिकारियों, जिला प्रशासन, पुलिस अधिकारियों, सांसद व विधायक संग बैठक कर सभी तैयारियों की समीक्षा करेंगे।” गौरतलब हो कि सीएम रहते हुए राजनाथ सिंह ने नोएडा में बने फ्लाईओवर का उद्घाटन दिल्ली से किया था। यही नहीं, बड़े दबाव के बाद भी निठारी कांड में मुलायम सिंह यादव अपनी पिछली सरकार में नोएडा नहीं गए थे।