लखनऊ डेस्क/ भारत बंद (2 अप्रैल) के बाद हो रही गिरफ्तारियों से नाराज बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती रविवार को भारतीय जनता पार्टी और उसकी सरकारों पर जमकर बरसीं। बसपा प्रमुख ने सीधे तौर पर भाजपा सरकारों पर मनुवादी व्यवस्था के तहत दलितों को बड़े पैमाने पर परेशान व प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से भाजपा सरकार को चेतावनी दी है कि यदि दलितों की हो रही गिरफ्तारी व जुल्म-ज्यादती पर तत्काल रोक नहीं लगी तो उनकी पार्टी चुप बैठने वाली नहीं है।
मायावती ने दलितों पर कार्रवाई कर रहे पुलिस अधिकारियों को चेतावनी दी है कि जब वह सत्ता में आएंगी तो उन पर सख्त कार्रवाई करेंगी। बसपा प्रमुख ने अपने बयान में कहा कि भारत बंद के बाद उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में सरकारी आतंक व गिरफ्तारियां इतनी ज्यादा हुई हैं और हो रही हैं कि इसकी तुलना में सन् 1975 में लगी इमरजेंसी की सरकारी जुल्म-ज्यादती भी कम लगने लगी है।
मायावती ने कहा कि जो अधिकारी यह सब गलत कार्य कर रहे हैं, उनके खिलाफ जांच बैठाएंगी, चाहे वे तब तक रिटायर क्यों न हो जाएं। दलितों की नेता ने कहा, हमारी पार्टी इन बेकसूर दुखी व पीड़ित लोगों से आग्रह करती है कि वे इस उत्पीड़न को लेकर व इस मामले में न्याय के लिए ज्यादातर कोर्ट-कचहरी का सहारा लें और ऐसे मामलों में पार्टी के लोग खासकर गरीब लोगों की पूरे तन-मन-धन से मदद भी जरूर करें।
उन्होंने कहा, मैं उन्हें यह भी विश्वास दिलाना चाहती हूं कि जब उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि इन राज्यों में हमारी पार्टी की सरकार बन जाती है तो फिर ऐसे सभी झूठे मुकदमों को सरकार द्वारा खत्म कर दिया जाएगा। मायावती ने कहा कि दलितों की हो रही गिरफ्तारी के विरुद्ध उन्होंने अगले ही दिन 3 अप्रैल को केंद्रीय गृहमंत्री से स्वयं बात कर उनसे ऐसी जबर्दस्त सरकारी आतंक व जुल्म-ज्यादतियों पर तुरंत रोक लगाने की अपील की थी।
उन्होंने कहा, और अब मैंने अपनी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद सतीश चंद्र मिश्रा, प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर एवं विधानसभा में बसपा विधायक दल के नेता व पूर्व मंत्री लालजी वर्मा को भी यह निर्देशित किया है कि ये लोग भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पार्टी के प्रतिनिधि के रूप में मिलें और बाबा साहेब के अनुयायियों पर लगातार हो रही जुल्म-ज्यादती पर तत्काल रोक लगाने की मांग करें।