Home, State, Uttar Pradesh, हिंदी न्यूज़

प्रतीक्षारत नई उद्योग नीति को योगी सरकार की मंजूरी

प्रतीक्षारत नई उद्योग नीति को योगी सरकार की मंजूरी

यूपी डेस्क/ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की एक अहम बैठक में कई फैसले लिए गए| इसमें सबसे महत्वपूर्ण यह रहा कि योगी सरकार ने आखिरकार लंबे समय से प्रतिक्षारत नई उद्योग नीति को मंजूरी दे दी| बैठक में किसानों के हितों से जुड़े फैसले भी लिए गए| लखनऊ स्थित लोकभवन में कैबिनेट में हुए फैसलों की जानकारी कैबिनेट मंत्री सतीश महाना और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने लखनऊ में एक प्रेस कांफ्रेंस में दी| नई उद्योग नीति की जानकारी देते हुए महाना ने बताया कि उप्र सरकार की मंशा है कि नई उद्योग नीति के अमल में आने के बाद एक वर्ष के भीतर ही उतना निवेश आएगा, जितना पिछली सरकार में पांच वर्षो के दौरान हुआ था|

महाना ने कहा कि सरकार ने उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 को मंजूरी प्रदान कर दी है. इस नीति का प्रमुख उद्देश्य प्रदेश में उद्योग के अनुकूल वातावरण एवं माहौल तैयार करना है. इससे सभी वर्गो का समावेशी विकास होगा| कैबिनेट मंत्री ने बताया कि नई अद्योगिक नीति के मुताबिक बुंदेलखंड एवं पूर्वाचल क्षेत्र में 100 करोड़ रुपए से अधिक निवेश करने वाली या 500 से ज्यादा लोगों को रोजगार देने वाली इकाइयों, मध्यांचल एवं पश्चिमांचल (गौतमबुद्धनगर एवं नोएडा को छोड़कर) क्षेत्र में 150 करोड़ रुपए से अधिक निवेश करने वाला अथा 750 लोगों को रोजगार देने वाली इकाइयों तथा गौतमबुद्धनगर एवं गाजियाबाद में 200 करोड़ रुपए से ज्यादा निवेश करने वाली या 1000 से ज्यादा रोजगार देने वाली इकाइयों को ‘मेगा यूनिट’ का दर्जा देते हुए उन्हें विशेष प्रोत्साहन देने का प्रावधान किया गया है|

महाना ने बताया कि मेक इन इंडिया की सफलता का लाभ लेने के लिए प्रदेश में ‘मेक इन यूपी’ विभाग की स्थापना की जाएगी. इसके तहत उद्योग एवं सेक्टर विशिष्ट राज्य निवेश एवं विनिर्माण क्षेत्र को चिह्न्ति कर उन्हें सृजित किया जाएगा | मंत्री ने बताया कि नई उद्योग नीति के लिए अगर कोई भी उद्योगपति आमंत्रित करता है, उसे मुख्यमंत्री कार्यालय के अंतर्गत सिंगल विंडो क्लीयरेंस दी जाएगी| अब उद्योगपति को कई विभागों का क्लीयरेंस लेने के लिए उन विभागों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे| उन्होंने बताया कि सरकार ने तय किया है कि उद्योगपति जिस क्षेत्र में भी निवेश करेगा, उसे सभी संबंधित विभागों से क्लीयरेंस के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय से पत्र जाएगा और विभागों को एक समय सीमा के भीतर उस फाइल पर अपनी क्लीयरेंस देनी होगी|

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *