लखनऊ डेस्क/ यूपी में मीट कारोबारियों को अब उन नियमों का पालन करना होगा जो कि एक स्लॉटर हाउस चलाने के लिए गाइडलाइंस में दिए गए हैं | ये नियम काफी सख्त हैं। प्रदेश में अब तक चल रहे ज्यादातर स्लॉटर हाउस सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के निर्देश पर बने नियमों को फॉलो नहीं कर रहे थे।
गाइडलाइंस के मुताबिक, स्लॉटर हाउस चलाने के लिए 20 नियम तय हैं। स्लॉटर हाउस कैसा हो इसके लिए भी नियम हैं। पशुओं को लाने-ले जाने और कटान तक के नियम ये हैं –
-पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960: पशुओं के साथ कोई अत्याचार नहीं होगा। उनके खान-पान और स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखा जाएगा।
-पशुओं को ले जाने के नियम, 1978: पशुओं को ले जाने के लिए गाड़ी में ठीक व्यवस्था होगी। चढ़ाने-उतारने के लिए रैंप होना चाहिए।
-पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 2000: ओवरलोडिंग नहीं होगी।
-स्लॉटर हाउस अधिनियम, 2001: स्लॉटर हाउस में हवा के पर्याप्त इंतजाम होंगे। दीवारें साफ होंगी। बड़े पशुओं के लिए 2.8 वर्ग मीटर प्रति जानवर का क्षेत्रफल आरक्षित होगा।
-ऐंटी मॉर्टम और पोस्ट मॉर्टम : कटान से पहले और बाद में पशु की ठीक तरह से उनकी जांच होगी।
-रेग्युलेशन ऑफ लाइवस्टॉक मार्केट, 2016: गर्भस्थ और तीन महीने के बच्चे वाले जानवरों को नहीं काटा जाएगा।
-सेंट्रल मोटर वीकल अधिनियम, 2015: जानवरों को लाने के लिए गाड़ियों में पर्याप्त इंतजाम होंगे।
-सेंट्रल मोटर वीकल अधिनियम, 2016: कटान के बाद अवशेष को बंद गाड़ियों में लाया-ले जाया जाएगा।
-फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अधिनियम 2006: मीट को खुले में नहीं रखा जाएगा। मीट प्रॉसेसिंग प्लांट लगेंगे।
-फूड बिजनस का लाइसेंस: दुकानों के लिए उचित लाइसेंस लेने होंगे।
-फूड एफिडेविट: किस तरह के पशुओं की कटान होनी है और कितनी मात्रा में उसे लिखित दर्ज कराना होगा।
-ऐग्रिकल्चर एंड प्रॉसेस्ड फूड प्रॉडक्ट एक्सपोर्ट डिवेलपमेंट अथॉरिटी, 2009: एक्सपोर्ट होने वाले मीट का प्रकार और मात्रा का लाइसेंस लेना होगा।
-पर्यावरण अधिनियम, 1986: स्लॉटर हाउस पर्यावरण के अनुकूल होंगे।
-डिस्चार्ज अधिनियम: स्लॉटर हाउस का कोई भी अवशेष बाहर खुले में नहीं रहेगा।
-जल प्रदूषण निवारक अधिनियम: कोई भी अवशेष लिक्विड सीधे तौर पर नालियों में या कहीं और नहीं जाएगा।
-वायु प्रदूषण निवारक अधिनियम: आसपास बदबूदार हवा नहीं फैलने पाए।
-सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट अधिनियम: निकायों के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट से जुड़े नियमों का पालन करना होगा।
-एनजीटी ऐक्ट 2010: किसी भी सूरत में कोई भी कृत्य पर्यावरण के लिए हानिकारक न हो।
-स्लॉटर हाउसों का रखरखाव, भंडारण और परिवहन अधिनियम: स्लॉटर हाउसों का रखरखाव ठीक से होगा। दीवारें सपाट होंगी। रैंप के इंतजाम होंगे।
-मीट प्रॉसेसिंग यूनिट: हर स्लॉटर हाउस में मीट प्रॉसेसिंग यूनिट होगी। मीट खुले में नहीं रखा जाएगा। इसको बाहर ले जाने से पहले जांच करानी होगी।