यूपी डेस्क/ सहारनपुर में भड़की हिंसा के बाद योगी सरकार अपोजिशन के निशाने पर है। इस घटना के बाद बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व काफी सरकार की दलित विरोधी इमेज बनने की संभावना से परेशान है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी आलाकमान ने सीएम योगी को हिदायत दी है कि अगर वो पार्टी की इमेज बचाने के लिए उचित कदम नहीं उठाते हैं तो उनके खिलाफ कड़ा फैसला लिया जा सकता है। बीजेपी आलाकमान को ऐसा लग रहा है कि योगी सरकार सहारनपुर हिंसा को ठीक से हैंडल नहीं कर सकी, जिसकी वजह से दोनों कम्युनिटीज (राजपूतों और दलितों) के बीच हिंसा बढ़ती चली गई। बीजेपी मान रही है कि इस हिंसा की वजह योगी आदित्यनाथ का कम एडमिनिस्ट्रेटिव एक्सपीरिएंस है। बीजेपी से जुड़े एक सूत्र के मुताबिक, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने योगी से कह दिया है कि ये हिंसा दूसरे जिलों में नहीं फैलनी चाहिए।
हालात काबू करने के लिए सीएम योगी ने 23 मई की रात ही स्टेट प्लेन से 4 अफसरों की एक टीम लखनऊ से सहारनपुर भेजी। गाजियाबाद, मेरठ, अलीगढ़ और आगरा से 5 PAC के कमाडेंट भी भेजे गए। 24 मई की देर शाम सहारनपुर के डीएम एनपी सिंह और एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे को सस्पेंड कर दिया गया। डिविजनल कमिश्नर एमपी अग्रवाल और डीआईजी जेके शाही का भी ट्रांसफर कर दिया गया। प्रमोद कुमार पांडेय को नया डीएम बनाया गया। बबलू कुमार सहारनपुर के नए एसएसपी बनाए गए। इस मामले में अब तक 25 लोगों को अरेस्ट किया गया है। भीम आर्मी फाउंडर चंद्रशेखर को नामजद किया गया है। 1 मई को चंद्रशेखर के भाई कमल किशोर को पुलिस ने अरेस्ट किया। बता दें, बीते 24 मई को भी अज्ञात हमलावर ठाकुर कम्युनिटी के एक शख्स को गोली मारकर फरार हो गए थे।