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योगी सरकार ने लखनऊ में तिलक महोत्सव का आयोजन किया

योगी सरकार ने लखनऊ में तिलक महोत्सव का आयोजन किया

लखनऊ डेस्क/ ‘स्वराज्य मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है’ नारे के 101 साल पूरे होने पर यूपी सरकार ने आज विधानसभा के तिलक हाल में ‘तिलक महोत्सव’ का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत गर्वनर राम नाईक ने की। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष और सीएम योगी आदित्यनाथ मौजूद थे वहीं, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर मुंबई के सीएम देंवेद्र फड़नवीस मौजूद रहे। पंडित बाल गंगाधर तिलक का जन्म 23 जुलाई 1856 को हुआ था। तिलक भारत के एक प्रमुख नेता, समाज सुधारक और स्वतन्त्रता सेनानी थे। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंच से उतरकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और इनके परिजनों का सम्मान किया। वहीं, आलिया खान ने कार्यक्रम में गीता का पाठ किया। जिसके बाद तालियों की गड़गड़ाहट से लोक भवन गूंज उठा।

बाल गंगाधर तिलक की पौत्रवधु मुक्ता तिलक ने कहा- “क्रांतिकारी में बदलावों का दौर चल रहा था, उसी वक्त तिलकजी को लखनऊ में कांग्रेस के एक कार्यक्रम में भाग लेने ले लिए आना था। उसी वक्त कांग्रेस में भी काफी अलग-अलग विचारधाराएं थी, लेकिन सारे युवा और क्रांतिकारी तिलक जी के साथ थे।’ उनके समर्थन में पंडित राम प्रसाद बिस्मिल ने पूरे लखनऊ में जोरदार स्वागत किया और उनके समर्थन में सबको इकट्ठा किया। आज हमें उसी तरह से काम करना है। उन्हीं की प्रेरणा और मार्ग पर चलकर देश को आगे बढ़ाना है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा- “इस्लाम धर्म की लड़की ने गीता को बहुत सुंदर पाठ किया। ये धर्म के नामपर पाखंडियों की पोल खोलने वाला है।” जो लोग हमें बांटना चाहते हैं वो लोग ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ नहीं देखना चाहते वो लोग हमेशा नकारात्मक बात करेंगे। उन्होंने कहा- “जो कौम अपने इतिहास को संजो करके नहीं रख सकती वो अपने भूगोल की भी रक्षा नहीं कर सकती। सुराज स्वराज्य का विकल्प नहीं हो सकता। पक्षी को जबतक आजादी नहीं मिलती उसका जीवन पंगु रहता है। देश की आजादी ने हमें क्या दिया ये कहकर हम स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करते हैं। देश हमें बहुत कुछ दे रहा है। हमारे देश ने नए-नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर विखंडन के लिए आवाज उठाएं तो ये स्वतंत्रता नहीं हो सकती। हम लोग महाराष्ट्र और यूपी के बीच एक सांस्कृतिक एमओयू साइन करेंगे जिससे कहीं कोई भाषा का विवाद न हो।

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