यूपी डेस्क/ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की नेपाल, बिहार, मध्यप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा आदि बॉर्डर एरिया पर बसे 1500 गांवों पर ध्यान केंद्रित करने का आदेश दिया है, जहां अभी भी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। सीएम ने कहा है कि ऐसे गांवों में चिन्हित कर यहां आवास, पेयजल, सड़क, बिजली, गांव के अंदर खड़ंजा, नाली निर्माण, कल्याणकारी लाभार्थीपरक योजनाओं, कौशल विकास योजनाओं आदि सहित प्रदेश सरकार की 23 योजनाओं से संतृप्त किया जाए।
शास्त्री भवन में अफसरों के साथ बैठक में सीएम ने कहा कि प्रदेश में अनेक जातियों और वर्गों के ऐसे कई गांव, मजरे, टोले, बसावटें हैं, जहां आजादी के इतने साल बाद भी वे बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. हर स्तर पर उपेक्षित ऐसे गांवों के लिए कार्ययोजना इस प्रकार बनायी जाए कि खर्च हो रही धनराशि का जनहित में बेहतर उपयोग हो। मुख्यमंत्री ने गोरखपुर के 5 वन टांगिया गांव, महराजगंज के 30 गांव, बुन्देलखंड के कुछ गांव, सहारनपुर में उत्तराखण्ड राज्य से सटे 76 गांव, नोएडा के 80 गांव की चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश में कई जनपदों में ऐसे गांव अथवा गांवों के पाॅकेट बन गए हैं, जहां बुनियादी सुविधाएं एवं अन्य आवश्यक संसाधन विकसित नहीं हो पाये हैं।
उन्होंने इन गांवों सहित नेपाल और अन्य राज्यों की सीमाओं से जुड़े उन गांवों को योजना के पहले चरण में शामिल करने के निर्देश दिए, जहां बुनियादी सुविधाओं का अभी भी अभाव बना हुआ है। इस अवसर पर ग्रामीण विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ महेन्द्र सिंह, मुख्य सचिव राजीव कुमार, अपर मुख्य सचिव पंचायती राज चंचल कुमार तिवारी, अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण सदाकांत, अपर मुख्य सचिव नियोजन संजीव सरन, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री शशि प्रकाश गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
इन गांवों के लिए सरकार देगी ये प्रमुख सुविधाएं
आवासहीनों को आवास
पेयजल
सड़क
बिजली
गांव के अंदर खड़ंजा
नाली निर्माण
वृद्धावस्था पेंशन योजना
किसान पेंशन योजना
निराश्रित महिलाओं को पेंशन वितरण
किसान क्रेडिट कार्ड
मृदा स्वास्थ्य कार्ड
मृदा स्वास्थ्य सुदृढ़ीकरण
कृषि यांत्रिकीकरण
प्रमाणित बीज वितरण
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन
दिव्यांगजन पेंशन
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन
कौशल विकास कार्यक्रम