यूपी डेस्क/ उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजीव कुमार ने सोमवार को निर्देश दिये कि हर सोमवार को गड्ढायुक्त सड़कों के कार्यों की प्रगति की समीक्षा बैठक होगी। इसमें अफसरों को गड्ढामुक्त होने के प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा । उन्होंने कहा कि गड्ढामुक्त सड़कों की रैंडम चेकिंग मुख्यालय से वरिष्ठ अधिकारी करें। नवम्बर के बाद जिन सड़कों को चिन्हित किया गया है, वहां गड्ढे मिले तो इंजीनियर की जिम्मेदारी होगी और उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि विशेष मरम्मत योग्य सड़कों का कार्य भी इस वित्तीय वर्ष में पूरा करना है। शास्त्री भवन में गड्ढामुक्त सड़कों की जानकारी लेते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि वह खुद हर सोमवार को गड्ढामुक्त सड़कों के कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे।
उन्होंने कहा कि स्थलीय स्थिति की फोटो आदि विभागीय वेबसाइट पर डाली जाये। सैम्पल के आधार पर गड्ढामुक्त सड़कों के कार्यों का दो से तीन प्रतिशत मुख्यालय से वरिष्ठ अधिकारी भेजकर स्थलीय निरीक्षण कराया जाये। सड़कों के गड्ढामुक्त होने की जानकारी आम नागरिकों को सड़कों पर बोर्ड के माध्यम से उपलब्ध करायी जाए। बैठक में बताया गया कि यूपी के विभिन्न विभागों द्वारा निर्मित लगभग 3,52,077.82 किलोमीटर निर्मित सड़कों में से 1,21,034.64 गड्ढायुक्त सड़कों में अभियान चलाकर 80,383.87 किलोमीटर सड़कें गड्ढामुक्त करायी जा चुकी हैं।
वहीं 19,340.90 किलोमीटर सड़कों के गड्ढामुक्त का कार्य भी कराये जाने के फलस्वरूप वर्तमान में 42,699.70 किलोमीटर अवशेष सड़कों पर कार्य होना अवशेष है। पीडब्ल्यूडी द्वारा बताया गया कि गड्ढायुक्त चिन्हित 85,160.64 किलोमीटर में से 72,065.66 किलोमीटर सड़कें अभियान के दौरान गड्ढामुक्त करायी जा चुकी हैं। अभियान के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा चिन्हित 189 किलोमीटर सड़कों में से मात्र 90 किलोमीटर, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा चिन्हित 60 किलोमीटर गड्ढायुक्त सड़कों में से कोई भी कार्य अभी तक नहीं कराया गया है। बैठक में अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण सदाकांत, प्रमुख सचिव सिंचाई सुरेश चन्द्रा, अपर मुख्य सचिव ग्रामीण अभियंत्रण सेवा मो इफ्तखारुद्दीन, प्रमुख सचिव चीनी उद्योग संजय भूसरेड्डी सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे ।