लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि डेयरी उद्योग के क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं, इसीलिए नई डेयरियों की स्थापना के प्रयास की जरूरत है। इसमें दुग्ध उत्पादन से लगे हुए किसानों की बड़ी भूमिका हो सकती है। ‘गोकुल पुरस्कार’ वितरण के बाद मुख्यमंत्री ने यह बात कही। इस मौके पर प्रदेश के 73 दुग्ध उत्पादकों को सर्वाधिक दुग्ध आपूर्तिकर्ताओं के रूप में पुरस्त किया गया। इस योजना में 2 लाख की राशि देकर सम्मानित किया गया।
इस दौरान पूर्ववर्ती सरकारों पर हमला करते हुए योगी ने कहा कि यह एक अभिनव प्रयास है। जहां चाह वहां राह, लेकिन जहां प्रयास ही नहीं हुआ है, वहां परिणाम आएगा कहां से आएगा। प्रदेश में दुग्ध उत्पादन की संभावनाओं की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “बड़ी संख्या में यहां गोवंश है, लेकिन उसकी अपेक्षा प्रदेश में 6735 दुग्ध समितियों की संख्या बहुत ही कम है। पशुओं की संख्या के हिसाब से यूपी में कम से कम 60 हजार के आसपास दुग्ध समितियां होनी चाहिए।”
संभावनाओं पर जोर देते हुए योगी ने कहा कि डेयरी क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं हैं, उसके लिए सामूहिक प्रयास किए जाने की जरूरत है। हमारे यहां की परिस्थितियां अनुकूल हैं, इसलिए हमें नई डेयरियों की स्थापना करना है, चाहे गोवंश हो या भैंस, उसकी अच्छी प्रजाति लाने का प्रयास करना चाहिए।
योगी ने कहा कि हर जनपद में एक डेयरी स्थापित हो सकती हैं पहले 65 से 70 डेयरियां थीं। उन्होंने सवाल किया कि वे क्यों बंद हो गईं? इसका कोई तो कारण होगा। मुख्यमंत्री ने अनुमान लगाया कि शायद अकर्मण्यता और भ्रष्टाचार में एक-एक करके बंद हो गईं। किसानों और सब्सिडी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने का लक्ष्य रखा है। सब्सिडी से कभी किसी का न समाधान हुआ है, न होने वाला है।