वाराणसी डेस्क/ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विगत दो हजार वर्षो से भारत के इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जाता रहा है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को बीएचयू में आयोजित प्राचीन गुप्त साम्राज्य के शासकों पर केंद्रित द्विदिवसीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि भारत के लोग अपने वास्तविक इतिहास को न जान पाएं, इसलिए साजिश के तहत इसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि वर्तमान भारत अंग्रेजों की देन नहीं है, बल्कि प्राचीन काल से भारत सांस्कृतिक रूप से जुड़ा हुआ है। देश में मौजूद तीर्थ सिर्फ उपासना के केंद्र नहीं हैं, बल्कि राष्ट्रीय एकात्मकता के भी केंद्र हैं।
उन्होंने कहा कि जो समाज अपने अतीत के गौरवशाली क्षणों को भूल जाता है, उसके सामने त्रिशंकु जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। वह विदेशी आक्रांताओं और विदेशी वस्तुओं में ही अपने भविष्य को टटोलने की कोशिश करता है। उन्होंने कहा कि चंद्रगुप्त विक्रमादित्य से लेकर स्कंदगुप्त तक भारत की गौरवशाली परंपरा रही है। इस कालखंड में भारत में सामरिक, आर्थिक, राजनीतिक, ज्ञान-विज्ञान के हर क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हुआ था।
योगी ने कहा कि कश्मीर में धारा 370 समाप्त होना अपने आप में देश के अंदर आजादी के बाद का सबसे साहसिक एवं ऐतिहासिक निर्णय है। यह निर्णय इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि 1950 में भारत ने अपने संविधान को अंगीकार किया था, 1952 में यह अनुच्छेद जबरन संविधान में जोड़ा गया था। उन्होंने कहा, सरदार पटेल ने कहा का था इस अनुच्छेद को वही व्यक्ति हटा पाएगा, जिसके कलेजे में दम होगा। प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने सरदार पटेल की उस उक्ति को सार्थक किया है।