लखनऊ डेस्क/ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को यहां कहा कि यदि समय रहते भूजल स्तर को बनाए रखने की व्यवस्था नहीं की गई तो भविष्य में एक बड़ा संकट खड़ा होगा। योगी ने लोक भवन में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक में कहा, “भूजल संसाधनों की सुरक्षा और संरक्षण जरूरी है।
वर्षा जल भूजल रीचार्ज का प्रमुख कारक है। सतही एवं भूजल संसाधनों से की जाने वाली सिंचाई से भी आंशिक रूप से भूजल रीचार्ज होता है। अगर इसकी व्यवस्था ठीक नहीं हुई तो भविष्य में बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा।”
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि नहरों की सिल्ट सफाई 30 जून, 2019 तक पूरी करा ली जाए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत बाणसागर, अर्जुन सहायक, मध्य गंगा नहर परियोजना-2, सरयू नहर आदि सिंचाई परियोजनाओं पर वृहद चर्चा की।
उन्होंने बुन्देलखण्ड क्षेत्र की पहुंज बांध स्पिलवे, पहाड़ी आधुनिकीकरण परियोजना तथा जमरार बांध परियोजना की प्रगति के बारे में भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने अधिकारियों को नहर परियोजनाओं को समयबद्ध ढंग से और पूरी गुणवत्ता के साथ पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए।
योगी ने विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि नहरों को पूरा करने में जिला प्रशासन का सहयोग लें। उन्होंने सिंचाई हेतु भूमि अधिग्रहीत करने के लिए अपर जिलाधिकारी को नोडल अधिकारी बनाए जाने के निर्देश दिए।
ड्रिप सिंचाई को बढ़ावा दिए जाने पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “इसके लिए अधिकारी इजराइल जाकर इस तकनीक का अध्ययन कर इसे प्रदेश में लागू करें। किसानों को ड्रिप सिंचाई के बारे में जागरूक करें। ड्रिप सिंचाई के माध्यम से खेती की उर्वरता को अक्षुण्ण बनाए रखने में मदद मिलेगी।”